Bhoot Ki Kahani School Horror Story In Hindi

Bhoot Ki Kahani School Horror Story

Bhoot Ki Kahani School Horror Story In Hindi, Bhoot Wala, Hindi Horror Stories, Bhoot Wali Kahani ! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक भूतिया स्कूल की कहानी, जो पहले एक खूबसूरत अच्छा स्कूल हुआ करता था। फिर एक दिन अचानक एक ऐसी दर्दनाक घटना घटी की वक़्त के साथ धीरे – धीरे यह स्कूल एक भूतिया स्कूल में बदल गया जहां जाने से हर कोई डरता हैं।

कई लोगो का मानना हैं यह स्कूल बेचैन आत्माओं द्वारा प्रेतवाधित हो चूका हैं जो कई लोगो के मौत का कारण भी बन चूका हैं। वहा के आस – पास रहने वालो का कहना था की इस स्कूल से रात को अचानक से रोने चिल्लाने व फुसफुसाने की आवाज़ आती है।

जैसे कोई जीता जगता स्कूल चल रहा हो पर यहाँ तो कोई भी नहीं रहता यह चीज़े किसी को भी डरा सकती हैं। यहीं वजह हैं इस स्कूल के अंदर जाने वाले सभी लोग हार्ट अटैक से मारे गए हैं जिसकी असली वजह डर ही था तो चलिए जानते हैं आखिर क्या हैं Bhoot Ki Kahani School Horror Story इस पुराने स्कूल की कहानी जो बाद में भूतिया स्कूल बन गयी।

Bhoot Ki Kahani School Horror Story

रहस्यमय इतिहास

कहा जाता हैं की वर्षो पहले यहाँ कोई एक खूबसूरत स्कूल हुआ करता था, जहां वर्षों पहले एक दुखद घटना हुआ था। स्कूल में लगी आग ने कई छात्रों और शिक्षकों के जीवन को खत्म करते हुए इमारत को अपनी चपेट में ले लिया था।

उस भयानक दिन के बाद से वह स्कूल पूरी तरह बदल गया। हालांकि घटना के एक वर्ष बाद स्कूल की मरम्मत  हुई उस स्कूल को दोबारा ठीक किया गया, नए बच्चे फिर से स्कूल पढ़ने आने लगे पर किसी को अंदाज़ा नहीं था की आगे क्या होने वाला सभी इस बात से अंजान थे।

पहली घटना 

एक दिन हर दिन की तरह सभी अपने काम में व्यस्त थे सबके क्लास चल रहे थे तभी इंग्लिश टीचर गर्ल्स वाश रूम गई। पहले तो उन्हें एहसास हुआ की वहां कोई भी नहीं हैं तभी टीचर को बाथरूम नंबर 4 के नल से किसी के हाथ धोने की आवाज़ आयी।

टीचर को लगा कोई बच्ची हैं टीचर ने नज़र अंदाज़ किया और अपना काम खतम करके चले गई। अगले दिन जब यही घटना दोबारा हुई टीचर ने इस बार भी नज़रअंदाज़ कर दिया यहीं घटना जब तीसरे दिन भी घटी तो टीचर ने  सोचा ऐसा रोज रोज इतना समय कौन आता हैं ज़रा देखती हूँ।

टीचर ने जब जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए कुछ मिनट के लिए बहुत डर गई, क्योंकि उस बाथरूम नंबर 4 पर कोई भी नहीं था। फिर जब कुछ शांत हुई तो सोचने लगी की नल ही खराब होगा। यह सोचते हुए वह जल्दी ही वहा से आ गई।

इधर उस टीचर ने स्टाफ से प्लंबर द्वारा नल ठीक कराने को कह दिया। पर उनको यह बात बार – बार परेशान कर रही थी की बाथरूम से किसी लड़की की हाथ धोने की आवाज़ क्यो आ रहीं थी, क्योंकि यह संभव ही नहीं था।

उस दिन से वह टीचर डरी डरी रहने लगी पर किसी को बताया नहीं। और टीचर भी उस वाशरूम में जाना बंद कर दी।

दूसरी घटना 

एक दिन लंच छुट्टी में क्लास 6th के सभी बच्चे बाहर चले गए थे दोपहर का समय था। क्लास रूम सुनसान था जब क्लास में बच्चे आए तो उन्होंने देखा सभी के बैग बैंच से अदला बदली हो गए थे तो कुछ के बैग बेंच से नीचे गिरे पढ़े थे।

सब बच्चे हैरान थे की यह क्या हुआ पर सभी ने ज्यादा कुछ सोचा नहीं उन्हें लगा किसी लड़के की बदमाशी होगी यह सोच कर इग्नोर कर दिया। इसी तरह एक दिन लंच छुट्टी के दौरान जब क्लास में कोई नहीं था तो क्लास के अंदर से किसी के रोने की आवाज़ आई।

उसी वक़्त हिंदी टीचर वहां से गुजर रही थे और उन्होंने रोने की आवाज़ सुन ली, जब क्लास के अंदर जाकर देखा तो वहां कोई भी नहीं था। टीचर हैरान और परेशान होने लगे की यह सब कैसे संभव हैं।

इसी तरह वक़्त बीतता गया है धीरे – धीरे स्कूल बच्चो से लेकर टीचर और स्टाफ सभी को ऐसा कुछ आभाष होने लगा जो बहुत अजीब था जो सोच से परे था। सभी को इतना तो पता चल गया था की कुछ तो गड़बड़ हैं।

कुछ टीचरो ने सही अनुमान लगाया की सारे पिछले साल दुर्घटना में मरे बच्चो की आत्माएं है जो हमें किसी ने किसी माध्यम से पता चल रहें हैं। यह बात पुरे स्कूल में फ़ैल गई प्रिंसिपल को पता था की वह यह बात ज्यादा दिनों तक  दबा कर नहीं रख पाएंगे और एक दिन यह सबको पता चल जायेगा।

किसी तरह वहां के प्रिंसिपल ने उस स्कूल को एक वर्ष चलाया फिर न चाहते हुई भी उस स्कूल को बंद करना पढ़ा  इसके बाद वह स्कूल दोबारा कभी नहीं खुला। इसके बाद तो वह स्कूल पूरी तरह एक भूतिया स्कूल में बदल गया।

15 साल बाद  जिज्ञासु अन्वेषक सागर 

15 सालो के बाद एक दिन सागर नाम का एक युवा और जिज्ञासु अन्वेषक उस स्कूल में आया, जो की उसी स्कूल से पढ़ा था। वह इस खँडहर पढ़े स्कूल के आसपास की कहानियों से चिंतित था और रहस्य में गहराई से जाने का फैसला किया।

वह अपने कैमरे, वॉयस रिकॉर्डर और एक दृढ़ संकल्प के साथ सशस्त्र, उसने उस स्कूल  की जांच शुरू कर दी।जैसे ही सागर ने इस पुराने स्कूल में कदम रखा, उसे हवा में ठंडक महसूस हुई। हल्की सी प्रकाश टूटी खिड़कियों के माध्यम से आ रहा था वहा की गलियारों में कुछ भयानक छाया दिखाई दिया।

वह स्कूल ऐसा लग रहा था जैसे की मानो कोई उसे देख रहा हैं। इसकी खाली क्लासेस और सुनसान हॉल अतीत की यादों को पकड़े हुए थे।

 भूतिया मुठभेड़

सागर ने अपनी खोज शुरू की, कक्षाओं और हॉल में प्रवेश किया जो लंबे समय से खाली पड़े हुए थे। जैसे ही सागर क्लास 6 रूम नंबर 6 पर पहुंचा उसे फुसफुसाते हुए और बड़बड़ाहट सुनाई दी, सागर उस आवाज़ का पीछा करते हुए क्लास के अंदर घुस गया।

जैसे ही वह क्लास के अंदर गया तापमान में भारी गिरावट आई, और वातावरण एक अन्य उपस्थिति के साथ भारी हो गया। उसे ऐसा लगा जैसे कई सारे लोग उसे देख रहें हैं।

भूतिया बच्चे

क्लास के गहराई में, सागर को भूतिया बच्चों के एक समूह का सामना करना पड़ा। वे पारभासी आकृतियों के रूप में दिखाई दिए, उनके चेहरे उदासी और लालसा से भरे हुए थे। उनकी आवाज, बेहोश, नुकसान, बेचैन और तड़प की भावना के साथ गूँजती थी।

सागर ने महसूस किया कि ये उन बच्चों की आत्माएं थीं जो आग में मारे गए थे, हमेशा के लिए स्कूल की दीवारों के भीतर फंस गए थे।

सत्य को उजागर करना

करुणा से प्रेरित सागर ने भूतिया स्कूल व बच्चो के पीछे की सच्चाई को उजागर करने की कोशिश की। वह स्कूल के इतिहास में तल्लीन हो गया, दर्दनाक रूप से दुखद आग तक जाने वाली घटनाओं को एक साथ जोड़कर।

पुराने अखबारों और अभिलेखों के माध्यम से, उसने पाया कि आग एक दोषपूर्ण विद्युत प्रणाली के कारण हुई थी, जिससे निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

 मुक्त करना  

नए ज्ञान के साथ सागर ने बेचैन आत्माओं को मुक्त करने में मदद करने का फैसला किया। उसने स्कूल में एक स्मारक सेवा का आयोजन किया, जिसमें शहरवासियों को आग के पीड़ितों को उनके सम्मान का भुगतान करने के लिए आमंत्रित किया गया।

समारोह ने समुदाय को एक साथ लाया, और जैसे ही उन्होंने खोए हुए बच्चों और शिक्षकों की स्मृति को सम्मानित किया, शांति की भावना ने उस जगह को शांति से भर दिया।

स्कूल को बहाल करना

स्मारक सेवा द्वारा लाई गई एकता और चिकित्सा से प्रेरित होकर, शहर के लोगों ने पुराने स्कूल को बहाल करने के लिए एक साथ रैली की। उन्होंने इसे एक सामुदायिक केंद्र, शिक्षा और विकास के लिए एक जगह में बदल दिया, जहां बच्चों की हंसी अतीत की भयानक चीखें को बदल देगी।

 एक नया अध्याय

जैसे-जैसे समय बीतता गया, उस पुराने स्कूल से डरावने आवाज़, चीखें और भूतिया प्रेत दूर हो गए। स्कूल एक आशा की किरण और लचीलापन का प्रतीक बन गया, जो शहर को त्रासदी को दूर करने की अपनी क्षमता की याद दिलाता है।

सागर की जांच से न केवल सच्चाई का पता चला बल्कि उज्जवल भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त हुआ। और इसलिए उस भूतिया पुराने स्कूल को शांति मिली, अब वह अतीत की यादों से प्रेतवाधित नहीं है। स्कूल करुणा, एकता और क्षमता की शक्ति के लिए एक प्रतीक बन गया हैं।

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