CoronaVirus vaccine Kab Tak Ayega
CoronaVirus Vaccine Kab Tak Ayega CoronaVirus vaccine In India कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में छाया हुआ जिसके चलते दुनिया के हर देश में डर का माहौल बना हुआ हैं। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया लॉकडाउन में जीने को मजबूर हो गया है, जिससे आम लोगो को जान के खतरे के साथ ही दैनिक जीवन की जरूरते और रोजगार का भी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं।
आज दुनिया भर में इस कातिल कोरोना वायरस से 51 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं वही 3 लाख लोगो की जान जा चुकी है। ऐसे में सभी लोग बस इसी बात का इंतजार कर रहे की CoronaVirus Vaccine Kab Tak Ayega, दुनिया के कई देशो के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और बड़ी – बड़ी फार्मा कंपनी कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दिन रात मेहनत कर रहीं है।
जिसमें से कुछ देशो को बड़ी सफलता भी हासिल हुआ हैं, आज हम इसी कोरोना वायरस के वैक्सीन के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे की कोरोना वायरस की वैक्सीन आम लोगों की पहुँच तक आने में कितना और समय लग जायेगा।
वैक्सीन किसे कहते है
वैक्सीन या टिकाकरण पदार्थो का एक सामूहिक मिश्रण होता हैं जो हमारे शरीर में किसी विशेष प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ रोगप्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने या कहे वायरस और बैक्टेरिया को खत्म करने के लिए बनाया जाता है।
इस वैक्सीन को इंसानो पर लगाने से उस वायरस के खिलाफ रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है जो हमे उस बीमारी से रक्षा करता हैं। वैसे तो हमारी शरीर इतनी सक्षम है की कई प्रकार के वायरस और बैक्टेरिया के खिलाफ स्वयं ही एंटीबॉडीज विकसित कर सकता हैं।
पर कई बार ऐसा होता है इंसानो को बिल्कुल नए प्रकार के वायरस या बैक्टेरिया का सामना करना पड़ जाता है। जो शरीर की इम्यून सिस्टम पर हावी हो जाता हैं और शरीर के विभिन्न अंगो को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता हैं।
जैसे की कोरोना वायरस के लिहाज़ से समझा जा सकता हैं जिसको काबू करने और शरीर की रक्षा के लिए वैक्सीन की जरुरत बहुत ज्यादा हैं।
वैक्सीन बनाने में इतना समय क्यों लगता हैं
कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया में महामारी का रूप ले लिया और यह महामारी बढ़ता ही जा रहा है इसकी वजह हैं इसकी कोई कारगर वैक्सीन का न होना। यही वजह है की आज हर कोई वैक्सीन जल्द आने की दुआएं कर रहें है।
हम बता देना चाहते है की वैक्सीन निर्माण करना कोई आसान काम बिल्कुल भी नहीं यही वजह है की एक वैक्सीन तैयार होने कम से कम 4 से 5 वर्ष का समय लग जाता हैं।
क्योंकि इसमें पहले तो कई तरह के कंपाउंड दवाओं पर रिसर्च किया जाता हैं जिसमें कई बार सही कंपाउंड दवाओं को खोजने में ही महीनों लग जाते हैं। जब वह तैयार हो जाता हैं तो उसे 7 कठिन परीक्षण ट्रायल से गुजरना होता है, और हर चरणों में महीनो का समय लग जाता हैं।
जिसमें जानवरों से लेकर इंसानो तक वैक्सीन का ट्रायल किया जाता हैं। जिसमें वैज्ञानिक को इसका अंदाज़ा नहीं होता की वह वैक्सीन अपने विभिन्न चरणों को पास कर पायेगी भी या नहीं।
उसके बाद अगर वैक्सीन सभी चरणों में पास भी कर लेता हैं तो इसकी मुख्य समस्या आता हैं इसके अप्रूवल प्रोसेस की क्योंकि अप्रूवल प्रोसेस में कई मापदंडो पर जाँचा और परखा जाता हैं।
इसके साइड इफ़ेक्ट के बारे में भी बारीकियों से नज़र रखा जाता हैं जिसमें थोड़ा भी साइड इफ़ेक्ट पाया गया तो वह वैक्सीन Disapproved हो जाता है।
जिससे सारी मेहनत बेकार हो जाता हैं इसलिए इसे पूरी सावधानी से और धैर्य के साथ वैक्सीन निर्माण का काम किया जाता है फिर अंत में बात आता है इसके बड़े पैमाने में वैश्विक बाजार में उतारने की जो की सबसे चुनौती भरा हैं एक अनुमान के अनुसार वैक्सीन के पूर्ण रूप से तैयार होने में 1500 करोड़ तक की लागत आ जाता है जो की बहुत ज्यादा रकम होता हैं।
यहीं वजह है की एक वैक्सीन के बनने से लेकर उसके बाजार तक आने में कम से कम 4 से 5 वर्ष का समय लग जाता हैं पर दुनिया के वैज्ञानिक और शोधकर्ता रात दिन एक कर 4 साल काम साल भर में करने का भरपूर कोशिश कर रहे जिसके लिए हमें उनका आभारी होना चाहिए।
वैक्सीन कब तक तैयार हो जायेगा
दुनिया भर में 100 से अधिक वैक्सीन पर काम चल रहा हैं जिसमें कुछ देश जैसे अमेरिका और ब्रिटेन ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण तक पहुंचने में सफल रही हैं। इसी तरह भारत में भी कई तरह के कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम चल रहा रहा हैं, जहाँ यह अपने प्राम्भिक चरण को पास कर लिया है।
जिसमे से भारत के कुछ बड़ी कम्पनियाँ जैसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड हैदराबाद और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया सबसे आगे है जिससे अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा रही हैं।
ख़ुशखबरी अमेरिका की पहली वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में सफल
अमरीकी सरकार ने भी यह दावा किया है वह 2021 के प्रांरभिक महीनों तक कोरोना वायरस की करोड़ो वैक्सीन तैयार कर लेगा। हाल ही में 20 मई को अमेरिका की Moderna BioTechnology कंपनी के द्वारा किये गए पहले ह्यूमन ट्रायल का परिणाम सफल रहा। जिसमें 45 लोगो के ऊपर वैक्सीन RNA – 1273 के डोज़ दिए गए थे जिसमें 18 से लेकर 45 वर्ष के लोगो के ऊपर सफल परीक्षण किया गया।
वही ब्रिटेन की Oxford University ने भी दावा किया है की अगर उनकी ह्यूमन ट्रायल सफल रहा तो सितंबर से अक्टूबर में ही कोरोना वायरस के वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने में शुरू कर देगा।
इसमें अच्छी बात यह भी है की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी का भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया से करार हुआ हैं। जिसके तहत अगर ट्रायल सफल रहा तो सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया भारत में ही इसके उत्पादन शुरू कर सकता हैं और अक्टूबर से ही यह भारत के बाज़ारो में इस्तेमाल के लिए उतार दिए जायेंगे।
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भारत के स्वदेशी वैक्सीन कब तक तैयार हो जायेंगे
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिको को सम्बोधन करते हुए कहा है की उन्हें अपनी पूरी क्षमता के साथ लोक कल्याण के लिए स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को विकसित करने पर जोर दिया जाये।
जिससे वें देश के साथ विदेशो में स्वदेशी वैक्सीन को कम दाम में लोगो की पहुंच तक पहुंचाया जा सके। जिसमें भारत बायोटेक सबसे आगे चल रही हैं इसे साथ ही कई आयुर्वेदेविक वैक्सीन पर भी काम चल रहा है।
भारत की अच्छी बात यह भी है की भारत वैक्सीन के साथ दूसरे विकल्प पर दवाओं के रूप में भी इसके प्रयोग कर रहा है ताकि जल्द से जल्द इस कोरोना वायरस पर काबू किया जा सके।
इस प्रकार देखा जाये तो अगर सब सही तरह से चला तो भारत में नवंबर से दिसंबर तक वैक्सीन इंसानो के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जायेंगे पर दुनिया में इसके बड़े पैमाने में उत्पादन करने में 2021 की पहले छमाही तक का समय लग सकता हैं।