Boycott Chinese Product chinese Saman Na Lene ke Fayde Aur Nuksan

Boycott Chinese Product

Boycott Chinese Product chinese Saman Na Lene ke Fayde Aur Nuksan

Boycott Chinese Product in hindi  आज हम बात करेंगे चीन के सामान न लेने के फायदे और नुकसान के बारे में, आज के समय में पुरे भारत में जो सबसे ज्यादा जोर पकड़ता दिख रहा हैँ वह है चीन के सामानो का बहिष्कार। ध्यान दीजियेगा हम यहाँ चीन के प्रोडक्ट का बहिष्कार Boycott Chinese Product के बारे में कह रहे जो मूल रूप से चीनी कंपनी हो न की मेड इन चाइना।

ऐसा इसलिए क्योंकि दुनियाँ की करीब – करीब सभी बड़े ब्रांडेड कंपनी जैसे की एप्पल, नोकिया, सैमसंग, होंडा यहाँ तक कुछ भारतीय कंपनी भी जिसके प्रोडक्ट या  कलपुर्जे चीन में ही बने होते है। अधिकतर देखा गया है की कलपुर्जे पूरी तरह चीन के ही होते हैं क्योंकि वहाँ के सामान सस्ते होते है।

पर अक्सर लोग इस बात में ध्यान नहीं देते की चीनी प्रोडक्ट सबसे घटिया क्वालिटी की होती हैं, इसी वजह से चीन के सामान का कोई वारंटी नहीं होता है। पर हम भारतीय को क्वालिटी से ज्यादा सस्ते के पीछे भागते है न सिर्फ हम बल्कि पूरी दुनिया।

चीन इसी का फायदा उठा कर अपने सस्ते और घटिया सामान के ताकत पर दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बन चूका हैं, अब वक़्त आ गया है भारतीयों को चीन के समान का विकल्प तलाशने की, क्या आप देश हित में अपना योगदान देंगे तो पूरा पढ़िए Boycott Chinese Product

चीन के सामान का बहिष्कार क्यों करें

हम में से बहुत के मन में यह बात है की चीन के सामान का बहिष्कार (Boycott China) क्यों करें इसकी वजह बहुत सारी है जिसकी विस्तृत चर्चा हम करेंगे।

1. चीन की दादागिरी

हमें यहाँ समझना होगा की जैसा हर देश अपने प्रोडक्ट विश्व बाजार में बेचते हैं चीन की वैसे कोई मंशा नहीं हैं। चीन का अपने सामानो को विश्व में बेचने के पीछे कुछ कारण हैं जिसमें पहला हैं इकोनॉमिक पॉवर बनना, दूसरा हैं दुनियाँ भर के बाज़ारो में अपने सस्ते और घटिया सामानो के द्व्रारा कब्ज़ा करना तीसरा हैं दुनियाँ भर के लोगो को चीन के सामानो पर निर्भर कर देना।

जिससे भविष्य में चीन अपने सस्ते और घटिया उत्पाद के लिए मन मर्जी के मूल्य वसूल कर सके। अगर ऐसा  हुआ तो चीन पूरी दुनियाँ में दादागिरी शुरू कर देगा जैसे की हाल के ही दिनों में आप देख सकते जिसमे चीन ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, भारत, तिब्बत, और हांगकांग पर अपनी दादा गिरी दिखा रहा हैं।

2. चीन पर अति निर्भरता कम करना

हम सब जानते हैं आज पूरी दुनियाँ चीन के सस्ते और घटिया क्वालिटी के सामान के तले दबते चले जा रहे जो की पर्यावरण के दृस्टि से भी अच्छी बात नहीं हैं। यह उस राष्ट्र के लिए बहुत ही घातक है क्योंकि इससे किसी भी देश के खास तौर पे भारत के उद्योगो पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

भारत में पहले ही चीन के उत्पादों की बिक्री की वजह से लघु और कुटीर उद्योग पूरी तरह तबाह हो चूका है जिससे हमारे लोगो का नुकसान हम लोग ही चीन के उत्पाद को खरीद के कर रहे हैं। यह बिल्कुल बंद होना चाहिए वरना हम जल्द ही चीन को सुपर पावर बना कर खुद चीन के गुलाम हो जायेंगे।

3. चीन के घटिया और डुप्लीकेट सामान

हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं जो आँख बंद कर चीन का सामान उपयोग करते है यह जानते हुए भी की चीन के ज्यादातर सामान घटिया क्वालिटी और डुप्लीकेट होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान से लेकर ख़िलौने, फ़ूड, मेडिकल किट, मसीनरी आदि जो मिलते तो सस्ते है पर क्वालिटी बहुत ख़राब होती हैं।

पर आप बोलोगे की तो फिर सरकार चीनी सामान को मंजूरी क्यों देता हैं और व्यापारी चीन का सामान क्यों ख़रीदीदते हैं तो इसका सीधा सा जवाब है पहला तो व्यापारिक साझेदारी।

दूसरा है सरकार चीन से सामान व्यापारी के डिमांड पर पर मंजूरी देता और व्यापारी सामान आम जनता के डिमांड पर लेता हैं। इस प्रकार यह पूरी तरह से आप पर मतलब आम जनता ही इसके कारण है चीनी उत्पाद के भारत में आने की।

4. चीन का विस्तारवादी निति

चीन एक ऐसा देश हैं जो हमेशा अपने विस्तार वादी निति पर काम करता हैं जिसमे चीन व्यापारिक साझेदारी के तहत अमीर देशो को चीनी उत्पादों के द्वारा पूर्ण अधिग्रहण करता हैं। इसे इस प्रकार समझ सकते की चीन अमीर देशो अपने चीनी उत्पाद की संख्या इतना ज्यादा बड़ा देता हैं और बड़े स्तर पर उस उत्पाद का प्रमोशन करता है।

सस्ते दाम पर बेचता हैं जिससे उस देश के खुद के बने उत्पाद अनबिके रह जाते हैं जिससे उस देश कंपनी नुकसान में चले जाती हैं। फिर वही चीन अपने घटिया और सस्ते उत्पाद उसी देश में बेच कर उन्हीं के पैसे से उस नुकसान वाली कंपनी को खरीद लेती हैं फिर वहाँ के वर्कर भी सारे चीनी मुल्क के होते हैं।

उसी प्रकार गरीब देशो में चीन इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों के विकास के नाम पर ऋण देती हैं और साथ में यह भी डिमांड जानबुज कर रख देते हैं की इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों का निर्माण चीनी कंपनी करेंगे। पर चीनी कंपनी शातिर दिमाग से एक साल के प्रोजेक्ट को 2 से 3 तीन साल लगा देती हैं इस बीच चीनी कंपनी कई घोटाले करती हैं।

जिससे वह चीनी कंपनी उस देश से बेहिसाब पैसा वसूल करती है निर्माण के नाम पर चीनी सरकार द्वारा कर्ज का ब्याज़ भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। जिससे कई बार वह गरीब देश कर्ज नहीं चूका पाता और चीन उस देश के जमीन पर कब्ज़ा कर लेता हैं जिस पर वह गरीब देश कुछ भी नहीं कर पाता।

क्योंकि यह MOU दो देशो की बीच होता है तो वह गरीब देश चाह कर भी किसी बाहर देश से मदद नहीं मांग सकता है और न चाहते हुई भी वह देश की क़र्ज़ के कारण अपनी जमीन चीन को देना पड़ जाता हैं।

चीनी सामान के बहिष्कार के फायदे

1. भारत अपने ग्राहकों के मांग को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर बनेगा जिससे लघु और कुटीर उद्योग का बड़े पैमाने पर विकास होगा।

2. भारत में नए नए छोटे – बड़े उद्योगों का निर्माण होगा जो भारत की आवश्कता की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा।

3. भारत में बड़े पैमाने में उद्योग के विकास से लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जिससे बेरोजगारी दर कम होगा इनमे सबसे ज्यादा निम्न आय के लोगो को फायदा होगा जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में बहुत महत्वूर्ण साबित होगा।

4. चीनी सामान के बहिष्कार से भारत कई नए क्षेत्रो में उतर सकता हैं जिसका भारत हमेशा से ही चीन पर निर्भर रहता आया हैं जो की देश के आत्मनिर्भर बनने में अहम योगदान देगा।

5. अगर भारत इस प्रकार कार्य करता हैं तो भारत अपने मेड इन इंडिया के सामान को विदेशो में बेच कर देश की जीडीपी को बेहतर करने, अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास दर को तेजी से बढ़ाने से अहम योगदान दे सकता हैं।

6. अगर भारत अपने सारे उत्पाद खुद बनाने में सक्षम हो जाता है तो भारत भविष्य में दुनियाँ के नए मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर सकता हैं।

चीनी सामान के बहिष्कार के नुकसान

चीन के उत्पादो का बहिष्कार करने में जहा कई फायदे हैं वही कई नुकसान भी जिसे नज़रअंदाज़ भी नहीं किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण भारत का चीन के सामानो पर अति निर्भरता हैं, पर अच्छी बात यह है की यह नुकसान आपको सिर्फ तब तक है जब तक आप अपने जरूरत के सामानो पर चीन पर निर्भर हैं।

जो की 1 वर्ष तक हो सकता है पर अगर भारत चीन से अगले कुछ वर्षो में निर्भरता ख़त्म कर देता हैं तो यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा जिससे हम इस प्रकार समझ सकते हैं।

1. अगर भारत चीन के सामान का बहिष्कार करता हैं तो चीन भी भारतीय सामान को लेने से मना कर देगा जिससे भारत और भारतीय व्यापारियों को नुकसान होगा।

2. भारत अपने कच्चे माल की आपूर्ति और कई चीज़ो की मांग तुरंत पूरी नहीं कर पायेगा जिससे मांग की तुलना में उत्पाद कम हो जायेंगे जिससे महंगाई बहुत हद तक बढ़ जायेगा।

3. भारत के कई व्यापारी जो चीन के सामानो का व्यापार करते थे उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं जिससे कई लोगो का रोजगार भी छीन जायेगा जो चीनी सामानो के बिक्री में लगे थे।

4. भारत और चीन की बीच 4.6 लाख करोड़ का व्यापारिक साझेदारी हैं ऐसे में एकदम से चीनी उत्पाद का बहिष्कार करना भारत के लिए कुछ हद तक नुकसान हो सकता हैं। पर इसे धीरे – धीरे खत्म किया जाना चाहिए जिसमें 1 वर्ष से अधिक का समय लग सकता हैं।

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हम आशा करते है की आप सभी को हमारी यह जानकारी Boycott Chinese Product Chinese Saman Na Lene ke Fayde Aur Nuksan अच्छा लगा होगा। बाकि आप समझदार हो की आपको क्या करना चाहिए आपको यह जानकारी कैसा लगा नीचे कमेंट में जरूर बताये।

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