Short Motivational Story In Hindi For Success

Short Motivational Story In Hindi 

Short Motivational Story In Hindi For Success, Inspirational Story In Hindi, True Success Story In Hindi. यह कहानी हैं यश की जो रायपुर शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार से था। यश की उम्र 11 साल था वह बहुत कम बोलता था, उसे खेलना बहुत पसंद था उसकी पसंदीदा खेल क्रिकेट और फुटबॉल था।

यश को बचपन से ही इन दोनों खेल को खेलना और देखना बहुत ही पसंद था। पर दिक्क्त की बात यह थी की जहाँ वह रहता वहां उसके उम्र से सब बड़े थे, जिसकी वजह से 11 साल के यश को कोई भी अपने साथ खेलाना पसंद नहीं करते थे।

क्योंकि उनका मानना था यश जैसे छोटे बच्चा क्रिकेट और फुटबॉल खेलने के लिए अभी बहुत छोटे हैं। पर खेल के प्रति उसके जूनून के कारण यश अक्सर ही ग्राउंड में क्रिकेट या फुटबॉल देखा करता था। वह खेल को समझने कि कोशिश करता था।

कई दिनों तक ऐसे ही क्रिकेट और फुटबॉल देखते हुए उसके मन में भी खेलने की तीव्र इच्छा हुई और यश मन ही मन में सोचने लगा की काश मैं भी खेल पाता। दिन बीतते गए एक दिन यश ने माँ से क्रिकेट बैट और बॉल लेने की ज़िद करने लगा।

Short Motivational Story In Hindi

पर माँ ने उसे यह कह के माना कर दिया की बेटा तुम तो अभी छोटे हो तुम क्रिकेट किसके साथ खेलेगो, यहाँ तो तुम्हारी उम्र का भी कोई नहीं हैं। उस समय तो यश माँ की बात मान गया, पर वह अपने स्कूल में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने की प्लानिंग शुरू कर दी। Motivational Story In Hindi

एक खिलाड़ी की जीरो से हीरो बनने तक की कहानी 

यश के दोस्तों में से कोई बॉल ले आता था तो कोई बैट इस तरह यश बड़ी हसरत भरी निगाहो से पहली बार बैट को पकड़ता हैं। वह बहुत खुश था वह बस अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा। जैसे ही उसकी बैटिंग की बारी आयी वह खुशी से बैटिंग करने लगा।

पर जैसे ही बैटिंग करने गया 3 बाल मिस कर दिया क्योंकि यश बाल की रफ़्तार और उछाल को समझ नहीं पा रहा था। पर वह 4 बॉल पे उसने अपने बल्ले को जोर से घुमाया और चौका लग गया उस पल उसकी खुशी देखने लायक था। इसी तरह यश और उसके स्कूल दोस्त रोज लंच टाइम में समय निकाल कर क्रिकेट खेलने लगते।

वह बीतता गया यश का क्रिकेट के प्रति जूनून की वजह से ही वक़्त के साथ यश का खेल भी बेहतर हो गया था। जो उस उम्र के बच्चो में देखना मुश्किल था देखते देखते 2 साल बीत गए यश 13 साल का हो गया था। अब उसके पापा ने भी उसके लिए बैट और बॉल ला कर दे दिए वह भी बहुत खुश था।

यश का अपमान

इन 2 सालो में उसके घर के पास ही उसकी उम्र के ही कुछ लड़के भी आ गए थे। जिनसे यश की काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी यश भी हर रोज की तरह अपने घर के आँगन अपने दोस्तों के साथ खेला करता था। एक दिन यश ग्राउंड पर गया वहां अपने से 7 साल बड़े लड़को से खेलने की इच्छा जाहिर किया।

पर बेचारे यश को नहीं पता था की वो लड़के उसका मजाक उड़ाएंगे। उन लोगो में 2 लोगो को छोड़ कर किसी ने भी अपने साथ खिलाना सही नहीं समझा और उसका मजाक उड़ाने लगे। उस टीम के कप्तान ने तो यश को यह भी कह दिया की जाकर पहले पैंट पहनना सिख लें फिर आना खेलने।

यह सुन कर यश बहुत ही दुःखी हुआ वह सोच रहा था मैंने तो बस खेलने की इच्छा ज़ाहिर किया था मैं छोटा हूँ तो क्या हुआ एक बार मेरा खेल तो देखना था। इतना सोचते हुए वह दुःखी मन से घर आ गया उसके बाद वह उस बड़े ग्रॉउंड में और उन लड़को के बीच कभी भी नहीं गया।

पर यश ने उस दिन एक प्रतिज्ञा लिया एक दिन मैं अकेले ही उसकी पूरी टीम को हराऊँगा और अपने अपमान का बदला लूँगा। उस दिन के बाद से यश क्रिकेट को लेकर पूरी तरह जुनूनी हो गया था। वह अब बैटिंग के साथ बॉलिंग भी करने लगा था क्योंकि उसे अब ऑल रॉउंडर बनना था।

वह स्पिन बॉलिंग किया करता था, वह अब बाहर मैदान में क्रिकेट खेलने के बजाय टीवी पर क्रिकेट देखा करता था। वह अक्सर ही बैटिंग की बारीकियाँ के लिए सचिन तेंदुलकर और राहुल द्राविड़ को फॉलो करता था। उनकी बैटिंग को पुरे ध्यान से देखा करता था, वही बॉलिंग के लिए अनिल कुंबले, शेन वार्न और मुथैय्या मुरलीधरन को फॉलो करता था।

Story For Reading In Hindi

क्रिकेट के इन सभी महान खिलाड़ियों को देख कर उनसे सीखना यश को बहुत अछा लगता था। सुरूवात में तो यह सब कुछ बिल्कुल भी आसान नहीं था। फिर भी कई महीने प्रतिदिन अभ्यास करने के बाद भी यश बॉलिंग में कुछ खास नहीं कर पा रहा था जो वह चाहता रहा था।

क्योंकि उसकी बाल अभी भी अच्छी तरह से स्पिन नहीं कर रहा था जो बल्लेबाज़ को आउट करने के काफी हो।  फिर एक दिन टीवी पर श्रीलंका और इंडिया का मैच चल रहा था। यश ध्यान से मुरलीधरन को देख रहा था तभी उसकी नज़र उसके बॉलिंग एक्शन पर गया यश ने मुरलीधरन के कलाई पर ध्यान दिया की वह बॉलिंग कैसे कर रहा हैं।

फिर क्या था उस दिन यश को पता चला की वह क्या गलती कर रहा था। अगले ही दिन वह मुरलीधरन के एक्शन को फॉलो किया पर उसके लिए यह आसान नहीं था। पर प्रतिदिन के अभ्यास के बाद कुछ महीने बाद ऐसे ही अकेले अभ्यास कर रहा था।

तभी वह बॉल करता हैं और जैसे ही बॉल जमीन पर गिरता हैं बॉल आश्चर्यजनक रूप से ऑफ़ स्पिन होकर विकेट पर जा लगता हैं। उस दिन वह बहुत हैरान था साथ ही बहुत खुश भी क्योंकि महीनो के अभ्यास के बाद अंततः वह सिख गया।

इसी तरह वह लेग स्पिन बॉलिंग भी करने सिखने लगा जो की शेन वार्न एवं अनिल कुंबले की बॉलिंग देख कर सिखने लगा। धीरे – धीरे महीनो के अभ्यास के बाद वह लेग स्पिन बॉल करना भी सिख गया। इस तरह यश तीन सालो की कड़ी मेहनत के बाद एक पूर्ण रूप से ऑल रॉउंडर बन चूका था।

पर यह बात उसके स्कूल के दोस्त ज्यादा अच्छे से जानते थे। एक दिन रविवार का दिन था उसके कुछ स्कूल के दोस्त और पड़ोस के दोस्त क्रिकेट खेलने बड़े ग्रॉउंड में चले गए। कुछ देर खेल शुरू होने के बाद वहाँ कुछ सीनियर खिलाड़ी आ गए।

पर उस दिन वे सीनियर खेल नहीं रहे थे क्योंकि सुबह समय था। उस दिन यश बहुत ही अच्छा खेल रहा था उस दिन करीब 1 घंटा बीतने के बाद भी यश को कोई आउट नहीं कर पा रहा था। उस दिन उसने करीब 2 घंटे तक ताबड़तोड़ बैटिंग की और अकेले ही 108 बना दिए।

यह सब सीनियर खिलाड़ी देख रहे थे। अंत में यश को आउट न कर पाने पर बिना आउट हुए ही पारी डिक्लियर कर ऑपोसिट टीम को बैटिंग दे दिया 6 ओवर तक तो ठीक था ऑपोसिट टीम अच्छा खेल रही थी उसके 1 विकेट गिर गए थे।

Motivational Story In Hindi

पर जैसे ही यश बॉलिंग करने आया सब कुछ बदल गया यश ने अपने पहले ओवर में 1 विकेट ले डालें। ऑपोसिट टीम हैरान नहीं थी क्योंकि वे यश की क़ाबलियत जानते थे पर दूर बैठे सीनियर खिलाड़ी यश को ऐसा खेलते बहुत हैरान थे की यह नया लड़का कौन हैं जो इतना अच्छा खेलता हैं।

क्योंकि सीनियर खिलाड़ी यश के खेल से बहुत प्रभावित हुए थे। वे लोग यश के बारे में और भी जानना चाहते थे उसे अपने साथ खिलाना चाहते थे। उस मैच में यश ने 4 विकेट लिए और 108 बनाए थे यश की टीम आसानी से मैच जीत गया।

खेल खतम होने के बाद वे सीनियर खिलाड़ी यश से बात किया उसकी तारीफ की और अपने साथ खेलने और टीम में शामिल होने को कहा। यश बहुत खुश था क्योंकि वे सीनियर खिलाड़ी कोई साधारण नहीं बल्कि शहर में होने वाले टूर्नामेंट टीम के खिलाड़ी थे।

अगले दिन यश उनके साथ खेलने के लिए चला गया जहा वह ओपनिंग बैट्समैन था। जबकि उस टीम में सबसे कम उम्र का यश ही था और सीनियर खिलाडी की उम्र 19 से 23 साल के बीच था। उस मैच में भी सबसे ज्यादा रन और विकेट यश ने ही लिया।

उसकी स्पिन करती हुई गेंद विरोधी टीम के बैट्समैन को परेशानी में डाल दिया था। यश की घूमती स्पिन बॉल को पहली बार खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं था। क्योंकि उस इलाके के ज्यादातर तेज़ गेंदबाज़ हुआ करते थे।उस दिन के बाद से सभी सीनियर खिलाडी यश के अच्छे दोस्त बन गए और उस टीम में उसे बहुत सम्मान मिलने लगा।

यश का बदला  

यश की टीम के सभी लोगो के साथ गहरी दोस्ती हो गई थी। फिर वह दिन भी आ गया जिसकी यश को तलाश था जिन लड़को ने कुछ साल पहले यश का मजाक उड़ाया था। वह भी ग्रॉउंड में खेल रहे थे यश उनको देख कर उसकी वो प्रतिज्ञा याद आ गया।

यश अपने सीनियर खिलाड़ी सावेल जो की टीम का कप्तान था उसे कहा की इन लोगो के साथ मैच रखते हैं। मैं इनकी टीम को हराना चाहता हूँ इस पर सावेल ने कहा की ये टीम बहुत चीटिंग करके खेलती हैं। इनके बॉलर बॉल ऐसे फेकते हैं जैसे कोई पत्थर फेक रहे रहे, साथ ही इनके पास इस इलाके का सबसे अच्छा बैट्समैन भी हैं जिसका नाम लकी हैं।

हमने इनके साथ 2 मैच खेले हैं और दोनों मैच हारे हैं, इस पर यश कहता हैं कोई बात नहीं मैं सबको संभाल लूँगा मुझ पर भरोसा रखो। इतने में सावेल उनके कैप्टन से मिल एक क्रिकेट मैच का चैलेंज दिया। मैच रविवार को होना था यश के स्कूल का दोस्त नवीन भी आया था जो बहुत अच्छा बैट्समैन था, वह भी टीम में खेलने वाला था।

यश ने सावेल से एक रिक्वेस्ट किया की आज के मैच में कैप्टन वह बनेगा। सावेल ने भी मना नहीं किया, क्योंकि उसे यश पर भरोसा था। टॉस के लिए जैसे ही यश गया विरोधी टीम का कैप्टन नितिन बोला तू वही हैं न जो कुछ साल पहले खेलने आया था और हमने तुझे भगाया था। आज फिर से आ गया और वो भी कैप्टन बन कर हमें हराने।

यश ने कुछ नहीं कहा और बस इतना कहा मैच के बाद बात करता हूँ। मैच शुरू हो गया विरोधी टीम के पत्थरबाज़ बॉलर भी यश के पीछे लग गए थे पर इस बार उसके पत्थर बाज़ बॉलर यश का कुछ भी नहीं कर पाए और उनकी ओवरों में सबसे ज्यादा रन बनाए।

यश के टीम ने 15 ओवर में 102 रन बनाये और यश अंत तक नाबाद रहते हुए 52 रन बनाए। विरोधी टीम बैटिंग करने आ चूका था लकी ने 7 ओवर तक बहुत अच्छा खेला और तब तक उसकी टीम ने 2 विकेट के नुकसान पर 42 रन बना लिए थे।

क्रीज़ पर वही विरोधी टीम का कप्तान और ओपनर लकी था। पर मैच का असली खेल तो यश के बॉलिंग के बाद शुरू हुआ यश ने अपने पहली ही ओवर की 4 गेंद पर उस विरोधी टीम के कप्तान को आउट किया। फिर अपने तीसरे ओवर में लकी को भी क्लीन बोल्ड किया।

Motivational Stories In Hindi

लकी का आउट होना कुछ इस प्रकार हुआ की लकी भी हैरान हो गया की यह कैसे हो गया। क्योंकि लकी ने आज तक ऐसे बॉलर को नहीं खेला था। हुआ यह था की यश 4 बॉल लेग स्पिन डाला और फिर अचानक से उसने ऑफ़ स्पिन बॉल फेक दी।

Motivational Story In Hindi

लकी को लगा यह गेंद बाहर की ओर जाएगा पर गेंद सीधे विकेट पर जा लगी और लकी क्लीन बोल्ड हुआ। उस दिन लकी कुछ बोला तो नहीं पर उसे भी यश की काबिलियत का अंदाज़ा लग चूका था। इस तरह पूरी विरोधी टीम 84 रन बना कर आउट हो गया हैं यश की टीम आसानी से यह मैच जीत गया।

मैच के बाद यश विरोधी टीम के कप्तान नितिन से मिला और कहा तुम वही हो न जो कुछ साल पहले मेरा मजाक उड़ाया था और आज 4 साल बाद तुम मेरी 4 गेंद का भी सामना नहीं कर पाए। आज तुम्हारी काबिलियत देख लिया।

बुरी तरह हारने के बाद भी नितिन को लगता था की यह सिर्फ इत्तेफाक से जीता हैं। इस बीच यश और उनके बीच अलग – अलग समय में 4 मैच हुए हैं और सभी चारो मैच में नितिन की टीम हार गई। अंत में नितिन को भी एहसास होने लगा की यश सच में एक काबिल खिलाड़ी हैं। उस नितिन खुद को बहुत छोटा और शर्मिंदगी महसूस हो रहा था।

इस तरह यश ने बिना कुछ बोले ही अपने काबिलियत के दम पर अपने अपमान का बदला लिया। इस तरह देखते ही देखते यश उस 5 कॉलोनी का सबसे बेहतरीन बैट्समैन और बॉलर बना। जब तक यश टीम में रहा उस टीम को कोई नहीं हरा पाया।

कुछ साल बाद यश उस कॉलोनी से चला गया, पर आज भी जब भी क्रिकेट की बात आती हैं यश का नाम बहुत ही इज़्ज़त से लिया जाता हैं।

तो यह था एक ऐसे लड़के Motivational Story In Hindi की कहानी जो अपनी इच्छा शक्ति और अपने जूनून की बदौलत खुद से ही सीख कर एक कामयाब क्रिकेट खिलाड़ी बना। आपको यह Motivational Story In Hindi कैसा लगा और इस Inspiring Stories In Hindi, Motivational Story In Hindi कहानी से आपको क्या सीखने को मिला हमे कमेंट में जरूर बताए।

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