Real Ghost Stories In Hindi
Real Ghost Stories In Hindi, Real Horror Story In Hindi, सच्ची भूत की डरावनी कहानियाँ ! आज हम आपके लिए लेकर आए एक Real Ghost Stories, एक सच्ची भूत की कहानी जिसे हमारे एक पाठक ने हमें भेजा हैं जो हमारे मित्र भी हैं। उनका यह मानना हैं की यह कहानी पूरी तरह सच्ची घटना पर आधारति हैं।
इस Bhoot Wali Darawani Kahaniya से आपको यह पता चलेगा की एक भूत या कहे आत्मा जब अपनी मौजूदगी का एहसास कराती हैं तो वह डरावाना एहसास कैस होता हैं। उस डरावने एहसास को अगर आप भी जानना चाहते हैं तो यह सच्ची डरावनी कहानियाँ Real Ghost Stories पूरा जरूर पढ़े।
अगर आप भी Real Ghost Stories भूत की डरावनी कहानियाँ पढ़ना या जांनना पसंद करते हैं, तो आप को यह भूतिया कहानी पसंद आएगा और डर का एहसास भी होगा तो चलिए शुरू करते हैं Real Ghost Stories In Hindi।
Real Horror Story In Hindi
यह घटना 2002 में घटी थी जब मैं 7th क्लास में पड़ता था। हमारी फॅमिली नये किराए के घर में शिफ्ट हुए थे । उस घर के आस पास ज्यादा कोई घर नहीं था एक दो घर थे वह भी खाली था। उस मकान का किराया भी बहुत कम था और घर बड़ा था इसलिए पिता जी ने बिना ज्यादा सोचे समझे बिना उस मकान के पास्ट को जाने मकान को किराए पर ले लिया।
पिताजी इस बात से अनजान थे की आने वाले समय में हमारे साथ क्या होने वाला हैं। मैं स्कूल जाने लगा और पापा ऑफिस, वह मार्च का महीना था मेरे एग्जाम शुरू होने वाले थे। हमारे मकान को 2, 3 घर को छोड़ कर कुछ चहल पहल हुआ करता था।
क्योंकि गर्मियों में देर रात तक बाहर बच्चो का खेलना घूमना काम बात था। क्योंकि उस ज़माने में मोबाइल फ़ोन सबके पास नहीं हुआ करता था इस तरह कुछ महीने सब सामान्य था।
पर जैसे ही गर्मी की मौसम गया बारिश का मौसम आया वैसे ही कुछ अजीब सी घटना होना शुरू हो गया। जिस बात से मैं भी अनजान था, मैं और मेरे बड़े भाई की एक आदत थी की हम दोनों अक्सर देर रात तक जागा करते थे।मैं जहा रात को पढ़ाई करता था, वही बड़ा भाई देर रात तक टीवी देखा करता था।
तभी एक दिन रात के करीब 1 बजे के आस पास घर के पीछे एक पायल की आवाज़ सुनाई दिया। घर के पीछे बरसात के दिनों मे बड़े – बड़े घास और जंगली पेड़ पौधे उग जाया करते थे जो देखने में ही डरावने लगते थे।पायल की आवाज़ सुन कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा यह कैसा आवाज़ हैं।
कुछ मिनट बजने के बाद पायल की आवाज़ बंद हो जाता हैं। मैं भी यह सोच कर ज्यादा ध्यान नहीं दिया की कोई मजाक कर रहा होगा। क्योंकि बचपन में भी मेरे साथ ऐसा मजाक हो चूका था, तो मैं ज्यादा ध्यान न देकर पढ़ने लगा फिर कुछ देर बाद सो गया।
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा पर पायल की आवाज़ कभी – कभी सुनाई देने लगा। खास तौर पर शुक्रवॉर को मुझे भी अब थोड़ा अजीब लगने लगा था और कहने लगता था की यह शरारती लड़को को ऐसा करके क्या मिल जाता हैं। उसके बाद से जैसा मैंने तो पायल की आवाज़ पर ध्यान देना ही छोड़ दिया था।
जब भी ऐसा कुछ सुनाई देता था मैं टीवी देखने में लग जाता था। पर एक दिन की बात हैं मैं रात को टीवी में फिल्में देख रहा था उस दिन घर में सिर्फ मैं और माँ ही थे, पापा और भैया कुछ दिन के लिए चाचा के घर गए थे।
सच्ची भूत की डरावनी कहानियाँ
जब मैं फिल्म देख कर टीवी को बंद किया तो मैंने देखा टीवी अपने आप ही फिर से चालू हो गया। मुझे लगा रिमोर्ट में ही कुछ खराबी आ गया हैं उसके बाद मैंने टीवी के मेन स्विच को बंद कर दिया। पर जैसे ही मैं बंद करके जा रहा था तभी मैने देखा की टीवी फिर से स्टार्ट हो गया।
उस दिन मैं सोचने को मजबूर हो गया की ऐसा कैसे हो सकता हैं। स्विच ऑफ करने के बाद टीवी का ऑन होना असंभव हैं। फिर मैंने बिना सोचे टीवी का स्विच निकाल कर सोने के लिए अपने रूम में चला गया क्योंकि मुझे नींद आ रहा था। उसके बाद मैंने दोबारा मुड़ कर नहीं देखा की टीवी ऑन हुआ हैं या नहीं।
अगर कोई समझदार इंसान होता जिसे इन भूत की बातों पर विश्वास हो तो यह सब देख कर उस दिन वह बहुत डर गया होता। पर मैं इन भूत और आत्मा जैसे बातों पर विश्वास नहीं करता था और न ही कभी मैंने कोई Real Ghost Stories सुना था न ही कोई भूतिया कहानी टीवी पर देखा था।
तो मेरे लिए उस घटना से गुजरना ज्यादा कठिन नहीं था, मैं तो आज तक उसे एक टीवी की खराबी समझता था।जब तक मुझे उसकी असलियत नहीं पता था खैर अब आगे की बात करते हैं। दिन बीतते गए मैंने यह महसूस किया की माँ और पापा की आज कल बात – बात पर लड़ाई हो जाता था।
कभी – कभी तो बात बहुत बिगड़ जाता था ऐसा पहले कभी नहीं होता था। पर क्योंकि मैं उस समय बहुत छोटा था तो इन सब बातो पर कभी गौर ही नहीं करता था। मैं भी कुछ ज्यादा ही आक्रामक होता जा रहा था मैं बहुत जल्द गुस्सा होने लगता था।
जब मैं गुस्सा होता था तो पता नहीं ऐसा क्या हो जाता था की मैं अपने ही पैर को डंडे से पूरी ताकत के साथ मारने लगता था। वह पल बहुत ही अजीब और डरवाना था क्योंकि ऐसा मैं कभी भी नहीं करता था। आज जब उस घटना की सच्चाई पता चला तो मैं सोच कर ही कांप जाता हूँ।
एक दिन की बात हैं ठण्ड की मौसम शुरू हो चूका था एक रात 12 बजे के बाद मुझे वही पायल की आवाज़ सुनाई दिया। पर उस दिन मेरे होश उड़ गए क्योंकि उस रात बारिश भी हो रहा था और ठण्ड भी बहुत ज्यादा था। क्योंकि ठण्ड का मौसम था तो घर के सारे फैन बंद थे जिसकी वजह से शांत में सब कुछ क्लियर सुनाई दे रहा था।
उस दिन मैं पहली बार बहुत डरा था क्योंकि अभी तक मैं पायल की आवाज़ को किसी लड़के या लड़की की शरारत समझता था। पर इतनी ठण्ड में और बारिश में कोई ऐसा बाहर पागलो की तरह नहीं जाना चाहेगा उस दिन के बाद से मुझे भी लगने लगा की कुछ तो गड़बड़ हैं।
Bhoot Wali Darawani Kahaniya
मैं इन सारी बातो को जो मेरे साथ और फॅमिली के साथ जो घटना हो रहा था उसे मैं इस अदृश्य ताकत से जोड़ कर देखने लगा। जो मेरे डर को और भी बड़ा रहा था, मैं जब भी रात को बाथरूम जाता था तो बाथरूम की ऊपर वाली खिड़की से हमेशा ऐसा लगता की कोई मुझे देख रहा हैं या अभी उस खिड़की से कोई हाथ बाहर आएगा।
मेरा डर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा था, मैं रात को टीवी देखना और पढ़ना भी बंद कर दिया था और जल्दी सो जाया करता था। मैं अभी तक घर में किसी को नहीं बताया था की मुझे ऐसा एहसास हो रहा हैं। क्योंकि बताता तो भी मुझ पर कोई भरोसा नहीं करता।
क्योंकि पायल की आवाज़ हो या टीवी का अपने आप शुरू जाने की घटना यह सब घटना मेरे साथ ही हो रहा था।मैंने भाई को बताने को कोशिश किया पर वह भी मेरी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जैसे – जैसे वक़्त बीतता गया घर के कई सामान अचानक गायब होने लगा या टूटने लगा।
एक दिन मैं 11:30 बजे रात को ऐसे ही बाहर निकला की आज देखता हू की क्या हैं सारा मामंला। क्योंकि उस दिन घर में मेहमान आए थे तो डर थोड़ा कम था, कुछ देर ऐसे ही टहलने के बाद मैं ऐसे ही नज़र घुमा कर देख रहा था। चारो ओर देखने के बाद मैं अपने घर की छत पर देख रहा था तभी मुझे एहसास हुआ।
हमारे घर के बगल वाले घर के खिड़की जो मेरे लेफ्ट साइड था उस खाली घर के खिड़की पर कोई खड़ा हैं। फिर जब मैं गौर से देखा तो खिड़की तो बंद था, मैं डर कर घर के अंदर की ओर चला गया। उस दिन के बाद से मैं कभी भी रात को घर से बाहर नहीं निकला।
मैं डर की वजह से हर रोज़ शाम को हनुमान चालीसा डीवीडी में चला दिया करता था। इससे मुझे मानसिक रूप से कुछ राहत जरूर मिला और ऐसे घटना भी कम होने लगा और मेरा डर भी कम होने लगा। पर एक दिन ऐसा हुआ जिसकी मैं कल्पना भी नहीं किया था जनवरी का महीना चल रहा था माँ और पिताजी गांव गए हुए थे।
डरावनी भूत की कहानी
घर में सिर्फ मैं और भाई ही थे मैं जल्दी खाना खाकर करीब 11 बजे ही सो गए मैं गहरी नींद में था। तभी रात के करीब 2 बजे अचानक भाई के चिल्लाने की आवाज़ आया मैं झट से अपनी आँखे खोला। भाई ने चिल्लाते हुए कहा की दरवाजे के पास कोई हैं मैंने कहा ठीक से देखो कोई नहीं होगा आपका कोई भ्रम होगा।
पर भाई ने कहा नहीं अभी भी कोई हैं फिर भाई ने तुरंत जाकर लाइट ऑन कर दिया। पर वहा तो कोई भी नहीं था उस दिन मैं और भाई बहुत ज्यादा डर गए थे खासतौर पर मैं। क्योंकि यह सब अभी तक तो मेरे साथ ही हो रहा था, पर अब भाई भी इस अदृश्य ताकत को महसूस करने लगा था।
उस रात को हम रात के चार से पांच बजे तक लाइट ऑन करके जागते रहे हैं। फिर दो दिन तक सब ठीक रहा पर दो दिन के बाद वो हुआ जिसका मुझे हमेशा से ही डर लगा रहा रहता था। मैं सो रहा था तभी मुझे कुछ अजीब सा एहसास हुआ और मेरा आँख खुल गया। मैंने महसूस किया की खिड़की के पास कुछ हैं।
मैंने अपनी आंखे बंद करके चादर ओड कर सोने लगा। पहले तो मैंने भाई को आवाज़ लगाने की कोशिश किया पर मेरे मुँह से आवाज़ नहीं निकल पा रहा था। कुछ ही देर बाद मुझे एहसास हुआ की कोई बहुत भरी चीज़ मेरे ऊपर आ गया बैठ गया मैं पीट के बल लेट गया था।
मैं डर की वजह से रोते हुए पूरी ताकत के साथ चिल्लाने की कोशिश कर रहा था। पर आवाज़ नहीं निकल रहा था ऐसा लग रहा था कोई मुझे कोई दबा रहा हैं और ऐसा दबा रहा हैं की मैं अपना हाथ पैर कुछ भी हिला नहीं पा रहा था न ही आवाज़ निकाल पा रहा था। वह दबाव बहुत अजीब सा और बहुत डरवाना था।
Real Ghost Story In Hindi
कुछ पल ऐसा महसूस हुआ की अब मैं ज़िंदा नहीं बच पाउँगा बहुत कोशिश करने के बाद भी मैं कुछ नहीं कर पाया और अंत में मैं बेहोश हो गया। उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं अगली सुबह मैं पहली बार 11 बजे उठा ऐसा लगा की मुझे कि मैं किसी बहुत ही अंधकार जगह से आया हूँ।
रोशनी जब मेरे आंख पर पड़ रहे थे तो मेरे आंख से आँशु आ रहे थे, और ऐसा महसूस हो रहा था की मेरे शरीर में कोई ताकत ही नहीं। मैं रात की घटना के बारे सारा कुछ भाई को बता दिया भाई भी मेरी बातों को पूरी गंभीरता के साथ लिया और माँ, पिताजी के घर आने के बाद सारी घटना और रात को पायल की आवाज़ के बारे बता दिया।
फिर माँ और पापा को भी रात को 12 बजे के बाद उस पायल की आवाज़ भी सुनाई और घर में सामान चोरी होने सामान टूटने और घर में लड़ाई होने का असली कारण भी बताया। मम्मी पापा ने भी हमारी बातों को पुरी गंभीरता के साथ लिया और उन्होंने भी पिछले कुछ महीने से होने वाले अजीब घटना को हमारी बातों से जोड़ कर देखने लगे।
क्योंकि मम्मी पापा के साथ भी ऐसे कुछ घटना हुई तो थी जिसे वे अक्सर नज़र अंदाज़ कर दिया करते थे। फिर अंत में मम्मी पापा ने बिना कुछ सोचे किराए के मकान को छोड़ने का फैसला ले लिया। पर उससे पहले पापा ने उस घर में पहले कौन रहता था और इस सब घटना के पीछे का कारण जानना चाहा।
पापा ने पड़ोसी से यह जानने की कोशिश भी किया पर किसी ने कुछ सही जवाब नहीं दिया। इसकी वजह था मकान मालिक जिसने सभी पडोसी को पहले ही चुप रहने को कह चूका था। पर एक दिन पापा को एक अंकल मिले जो में पहले यही आस पास रहते थे।
उन्होंने पापा को बताया की हम जहां रहते उस घर के पीछे ही एक लड़की की लाश मिली थी। पर आज तक पता नहीं चला था की उस लड़की ने ख़ुदकुशी की थी या मर्डर। साथ ही हम जिस घर में रहते थे उस घर में कोई खान अंकल अपने फॅमिली 3 बेटे और 2 बेटियाँ के साथ रहते थे।
यह सारी घटना 6 पहले हुआ था तब से यहाँ कोई भी किरायेदार नहीं रहता यह मकान खाली पढ़ा था। साथ ही आस पास के मकान भी खाली ही रहते थे, उस दिन पता चला की मकान मालिक इतने सस्ते में यह मकान पापा को किराये पर क्यों दिया था।
उस दिन के बाद से हम वो मकान छोड़ कर चले गए। आज 19 साल बाद जब मैं फिर उसी घर को देखने गया दूर से तो आज वह इलाका पूरी तरह सुनसान हो चूका हैं। उस घर के पीछे अजीब भयानक सा जंगल बन चूका हैं। अब वहां लोग भी नहीं रहते वहां के अधिकांश घर टूट चुके हैं, पर वह घर जिसमें हम रहते थे और आस पास की वो खाली घर आज भी जर्जर हालत में एक खंडहर के रूप में हैं।
इन सब घटना को देख कर ही आज मुझे यह कहानी लिख कर आप लोगो से शेयर करने का मन किया। आप बताए की आप लोग इस बारे में क्या सोचते हो। आपको क्या लगता हैं क्या हुआ होगा उस लड़की के साथ कमेंट में जरूर बातये।
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निष्कर्ष
इस कहानी द्वारा हम किसी प्रकार की अंधविश्वाश को नहीं फैलाना चाहते। बल्कि इस Real Ghost Stories कहानी को लिखने का मुख्य उद्देश्य आप सभी को जागरूक करने के लिए लिखा गया जो सच्ची घटना पर आधारित हैं। साथ ही हमारी यही सलाह हैं आप भले ही इन भूत और आत्मा की बातों को न मानो पर आप कभी भी इसे हल्के में लेने की कोशिश मत करना।
आप ऐसे किसी भी जगह में जाने से बचे जहां इस प्रकार की भूत प्रेत या आत्मा की बात प्रचलित हो। क्योंकि कुछ आत्माएं ऐसी भी होती हैं जो एक बार आपके पीछे लग गई तो आप जहा जाओ वहां तक आपका पीछा करती हैं।
तो आप सावधान रहे और अपना एवं अपने परिवार का बहुत ख्याल रखें। आशा करता हूँ की आपको हमारी यह Real Ghost Stories In Hindi, Real Horror Story In Hindi, सच्ची भूत की डरावनी कहानियाँ अच्छा लगा होगा। आपको यह कैसा लगा नीचे कमेंट में जरूर बताये।
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