Real Life Love Story In Hindi
New Love Story In Hindi, Romantic Love Story in hindi, Pyar Ki Ek Kahani ! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं अजय और आरती की Real Life Love Story जिसने हम सभी के सोच को गलत साबित कर दिया। जिनके प्यार का सफर स्कूल के दिनों के साथ शुरू होता हैं और जो जीवनसाथी बनने तक का सफर तय करते हैं। यह कहानी उन लोगो के लिए भी हैं जिन्हें यह गलत फ़हमी हैं की प्यार करना और निभाना आसान हैं जो की सही नहीं हैं कई लोग तो आधे रास्ते पर ही कोई न कोई बहाना बना कर साथ छोड़ कर चले जाते हैं।
अजय और आरती की लव स्टोरी
अजय और आरती की प्यार की कहानी हमारे क्लास के सभी लोग और टीचर भी जानते हैं। आज जहां लोग छोटी – छोटी बातों को लेकर रिश्ता ख़तम कर लेते थे वहीं उन दिनों अजय और आरती ने कई मुश्किल परिस्थियों के बावजूद एक दूसरे के साथ कभी नहीं छोड़ा।
Real Life Love Story की कहानी शुरू होती हैं 2007 से जब हमारे स्कूल में 9th क्लास में कुछ नए स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया था जिसमें अजय, जगत, नीलकमल, प्रशांत, श्रीनिवास थे। सभी एक ही स्कूल के थे, जिनमें अजय देखने में सामान्य सा और सावंला था। वैसे तो अजय मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता था क्योंकि उसका भी ध्यान Study में कम दूसरे चीज़ो में ज्यादा रहता था।
वहीं दूसरी तरफ आरती बहुत ही सुंदर थी पर पढ़ने में वह भी औसत ही थी, पर आरती को प्यार मोहब्बत की बातें और फिल्में देखना बहुत पसंद था। कुछ सफ्ताह होने के बाद से ही अजय आरती को देखा करता था या सीधी भाषा में कहुँ तो लाइन मारा करता था। वक़्त इसी तरह बीत रहा था अजय आरती को देख कर कुछ न कुछ करता जिससे आरती को इम्प्रेस कर सके।
आरती भी अजय को देखा करने लगी थी फिर एक दिन अजय आरती से सीधे ही ऐसे ही होम वर्क के लिए नोट बुक लेने के बहाने उससे बात करने लगा। इस तरह दोनों में बात शुरू हो गया, बातों का यह सिलसिला यूँ ही बढ़ता गया। फिर अजय और आरती में धीरे – धीरे एक अच्छी दोस्ती होने लगा।
पर उस वक़्त हममें से किसी को भी यह अंदाज़ा नहीं था की अजय और आरती की यह दोस्ती जीवनसाथी तक का सफर साबित होगा। खैर आगे बढ़ते हैं अजय और आरती अक्सर छुट्टी होने के बाद एक साथ ही जाया करने लगे क्योंकि दोनों का घर एक ही तरफ था।
नीलकमल का कमीनापन
उसी बीच उन्हीं नए लड़को में से एक लड़का जिसका नाम नीलकमल था वह भी आरती को इम्प्रेस करने की कोशिश करने लगा, आरती के साथ फ़्लर्ट करने लगा। उस समय नीलकमल को इस बात का पता था की उसका ही दोस्त अजय भी आरती को पसंद करता हैं। पर नीलकमल एक कमीना लड़का था वह हर सुन्दर लड़की के साथ फ़्लर्ट करना शुरू कर देता था, वह किसी को नहीं छोड़ता था यहाँ तक टीचर को भी।
नीलकमल आरती के बहुत करीब आने लगा था नीलकमल न ही अच्छा इंसान था न ही उसकी आदते अच्छा था। नीलकमल का मुख्य मक़सद लड़की को इम्प्रेस कर उसका फायदा उठाना होता था। पर नीलकमल का यह हवस का खेल ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। एक दिन लंच ब्रेक में आरती केंटीन में लंच कर रही थी नीलकमल भी उसके पास चला गया और अपना लंच आरती को जबरदस्ती खिलाने लगा अपने हाथ से।
फिर इसी बहाने नीलकमल ने आरती का हाथ पकड़ लिया ये सब अजय ने देख लिया। अजय को अभी तक यह लग रहा था की नीलकमल आरती से दोस्त समझ कर उससे बात कर रहा हैं। पर नीलकमल की इस हरकत को देख कर अजय को नीलकमल पर बहुत गुस्सा आया फिर अजय और नीलकमल के बीच बातों बातों में लड़ाई हो गया।
Real Life Love Story
क्योंकि अजय नीलकमल का दोस्त था उसे उसकी आदतों के बारे में अच्छे से पता था। नीलकमल फिल्मो के इमरान हाशमी और शक्ति कपूर के गुणों से भरा हुआ था। उसके बाद से नीलकमल कभी भी दोबारा आरती से बात करने की कोशिश नहीं की, इधर आरती और अजय फिर से पहले ही तरह रहने लगे।
अजय अक्सर आरती के इंतज़ार में क्लास की खिड़कियों से उसे देखा करता और जिस दिन आरती नहीं आती उस दिन अजय भी चुपचुप सा रहता। वक़्त बीतने के साथ अजय आरती की तरफ और भी ज्यादा आकर्षित होने लगा था और अजय अजीब – अजीब हरकत करने लगा था।
उसकी हालत देख मेरे दोस्त संजय ने एक बात कहा था “ये हे रहा नहीं जाता क्या करें तड़प ही ऐसी हैं“ उस दिन मैं खूब ज्यादा हँसा था मुझे नहीं पता था यह किसी मूवी का डायलॉग हैं और उसने मजाक में कहा हैं पर मेरे दोस्त संजय की टाइमिंग बहुत जबरदस्त था।
अजय अक्सर लंच आरती के साथ करने लगा, इससे आरती की सहेलियां भी उसे कहने लगी थी की कुछ देर के लिए तो तुझे अकेला छोड़ देता। पर अजय अब अपना ज्यादा समय आरती को देने लगा इस तरह दोनों ही अपने दोस्ती में खोये रहे और वक़्त ऐसे ही बीतता गया।
एक साल बाद 10th में
एक साल बाद जब हम क्लास 10th में थे अजय और आरती में काफी गहरी दोस्ती हो चुकी थी। अजय पूरी तरह से आरती से प्यार करने लगा था, इसकी वजह यह भी था की अजय के लिए आरती जैसी सुन्दर लड़की मिलना आसान नहीं हैं, ऐसे में अजय आरती को खोना नहीं चाहता था। अजय को एहसास तो था की आरती भी उसे पसंद करती हैं पर वह प्यार करती हैं या नहीं यह अजय को जानना था।
इसलिए अजय ने फैसला किया की वह इस Valenstine’s Day पर अपने प्यार का इज़हार आरती से कर देगा। अजय खुश था की वह अपने दिल की बात आरती से कहने वाला हैं। अजय वेलेनटाइन्स डे को आरती से मिला फिर रेड रोज एवं कुछ चॉकलेट्स देकर उसे अपने दिल की सारी बात कह दिया। आरती के चेहरे पर स्माइल थी वह अंदर से खुश लग रही थी पर आरती ने तुरंत अजय के प्यार को स्वीकार्य नहीं किया और कहा मुझे कुछ वक़्त दो मैं सोच कर बताउंगी पर हमे पता था वह मान जाएगी।
क्योंकि कही न कही आरती की भी ख़्वाहिश थी की कोई लड़का उसे प्यार का इज़हार करें जैसे फिल्मों में होता हैं। इसके अलावा आरती कही न कहीं अजय को पसंद भी करती थी क्योंकि हमारे क्लास में अजय ही पहला था जो आरती को प्यार वाली फीलिंग का एहसास कराया था। इससे पहले हमारे क्लास में कभी प्यार जैसी कोई बातें कभी नहीं हुआ ही नहीं था। कुछ दिनों के बाद आरती ने भी हां कह दिया दोनों रिलेशनशिप में भी आ गए, दोनों बहुत खुश थे अच्छा वक़्त बीत रहा था।
लव लेटर बना मुसीबत
एक दिन अजय ने वह लव लेटर आरती को दे दिया जो उसने 1 साल पहले लिखा था उसे देने के लिए पर दे नही पाया था। पर अजय को उस वक़्त नहीं पता था की यह लव लेटर उसके लिए बहुत बड़ी मुसीबत लेकर आने वाला हैं। आरती अपना पहला लव लेटर पाकर बहुत ख़ुश थी वह उसे बहुत सम्हाल कर उसे अपने स्पेशल डायरी में छुपा कर रहती थी।
एक दिन आरती लव लेटर को डायरी में रखना भूल गई और वह लव लेटर उड़ कर आरती के बड़े भैया के हाथ लग गया जो एक पुलिसवाला था। फिर वही हुआ जिसका डर था अजय का बुरा हाल, पर इधर आरती के बड़े भाई ने आरती से कुछ भी नहीं कहा वह तो सीधा अजय से बात करना चाहता था अपने पुलिसवाले तरीको से।
उनके भैया को ज्यादा समय नहीं लगा अजय के बारे पता लगाने में अजय के बारे। अजय जब अपने ही घर से कुछ दूर ग्राउंड पर खेल रहा था तब अचानक से आरती के बड़े भैया और उनके दोस्त आ गए। फिर अजय को बुला कर पूछने लगे बड़े भैया बात ही कर रहे थे पर उनके दोस्त में से ने अजय को एक थप्पड़ लगा दिया।
फिर बड़े भाई ने रोका उसे समझाया और आरती से दूर रहने को कहा और कहा यह बात हमारे बीच में ही रहना चाहिए। अगर आरती को पता चला तो अगली बार मुझसे भी पिटेगा फिर वह चले गए। इधर अजय को उनके भाई के बातों का कोई फर्क नहीं पढ़ा और स्कूल में जैसा पहले था वैसा ही था हां ये था की अब वह आरती के साथ स्कूल के बाद घर साथ में जाना बंद कर दिया था।
वक़्त ऐसा ही बीतता गया आरती सहित हम सब 12th क्लास में थे पर अजय फेल होने की वजह से 11th में ही रह गया। पर दोनों में प्यार कम नहीं हुआ अजय लंच टाइम पर हमेसा हमारे क्लास आता और अजय और आरती दोनों ही एक साथ टिफिन शेयर करते थे।
टीचर ने देखा अजय और आरती को साथ
एक दिन की बात हैं जब अजय आरती के हाथो को अपने हाथो में लिए क्लास में बैठा हुआ था। उसी वक़्त हमारी सबसे कड़क मैथ टीचर ने यह सब देख लिया, फिर क्या था टीचर ने सबके सामने अजय और आरती को डाँटा और बुरा भला कहा। इससे आरती को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, पर यह सब तो एक न एक दिन होना ही था।
उस दिन क्लास के सभी लोगो को अजय और आरती के प्यार के बारे में पता चल गया। क्लास के कुछ लोग जहा अजय आरती के सपोर्ट में आए तो कुछ उसके खिलाफ। क्योंकि अगर उदासीन होकर सोचे उन अजय और आरती को देखे तो यही लगता अजय ने आरती को प्यार में फंसाया हैं।
दोनों की जोड़ी बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था, क्योंकि आरती बहुत सुंदर थी और पढ़ने में अजय से बेहतर थी। वही अजय न ही अच्छा दिखता था न ही पढ़ने में अच्छा। कोई सोच भी नहीं सकता था उन दोनों की कभी जोड़ी बनेगी, सबको लगता था की अजय आरती का बस इस्तेमाल कर रहा हैं।
स्कूल खतम होते ही वह उसे छोड़ देगा, पर शायद आरती को यह नहीं लगता था इसलिए इतना सब कुछ होने के बाद भी आरती ने अजय का ही साथ दिया उसका साथ कभी नहीं छोड़ा।
पार्क पर पकड़े गए
12th के बाद एक दिन अजय आरती और साथ ही आरती की कुछ सहेलियाँ पार्क में थी। वहीं अजय आरती के साथ पार्क के ही कोने में बैठ कर बात कर रहा था तभी उसके बड़े भाई ने उन दोनों को देख लिया। उस समय उनके बड़े भैया ने आरती को और उसकी सहेलियों को जाने को कह दिया और वो सब चले गए।
फिर बड़े भाई ने अजय को गली देकर उसे खूब मारा पार्क में बैठे लोग भी देख रहे थे किसी ने कुछ नहीं किया और अजय उस दिन बहुत मार खाया। अंत में गुस्से में उसके बड़े भाई ने अजय को लास्ट वार्निंग दिया की अब कभी आरती के साथ दिखा तो तेरे घर से निकाल कर मारूंगा। बेचारा अजय मार खा कर घर चला गया और खुद को कमरे में बंद कर लिया और कुछ दिन तक बाहर ही नहीं निकला।
इधर आरती को पता चल गया था की उसके बड़े भाई ने अजय को बहुत मारा हैं। इसलिए पहली बार आरती की बड़े भाई से कहासुनी हो गई। उसके बाद से अजय पहले से ज्यादा सतर्क हो गया वक़्त बस ऐसे ही बीतने लगा।
3 साल बाद
अजय और आरती दोनों ने ही अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था, अब वह दोनों ही अपने Future Planing करने लगे जैसे एक अच्छी जॉब, फिर दोनों के घर वाले को मनाना, फिर शादी इत्यादि। आगे अजय Part Time Job करने लगा साथ ही अपने आगे ही पढ़ाई जारी रखा। एक दिन अजय और आरती दोनों ने बाहर कही मिलने का प्लान बनाया कुछ वक़्त साथ बिताने के लिए आरती भी घर से सज सवार कर अजय से मिलने को निकल गई।
पर इधर अजय का छोटा भाई भी आरती पर नज़र बनाए रखा था की वह कहा जा रही हैं। आरती घर से शाम को यह बोल कर निकली थी की वह पास में ही अपनी फ्रेंड ज्योति से मिलने जा रही हैं। पर आरती के छोटे भाई को शक हुआ उसने अपने बड़े भाई को बता दिया और उसका पीछा करने लगा। उसने देखा की आरती अजय के बाइक पर बैठ कर जाने लगी फिर अजय आरती दोनों एक होटल में जाने लगे।
फिर होटल में जाकर दोनों ने एक कार्नर का टेबल बुक किया और फ़ूड एन्जॉय करने लगे खूब सारी बातें किये मजाक किया। अजय ने भी अपने हाथो आरती को खिलाया और आरती ने भी अजय को खिलाया। फिर दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ बातें करने लगे यह सब आरती के छोटे भाई ने देख लिया।
उस समय तो उसने कुछ भी नहीं किया क्योंकि वह पब्लिक प्लेस था और वहा और भी कई लोग थे। पर कई सारे फोटो और वीडियो जरूर बना लिया चुपके से सबूत के लिए फिर वह वहाँ से चले गया और अजय और आरती भी कुछ देर बात करने के बाद घर चले आए।
अजय की फिर से पिटाई
अगले दिन आरती के बड़े भैया और उनके कुछ दोस्तों ने अजय को घर से उठा लिया और सामने स्थित मैदान में लेकर अजय को मारा इतना मारा और घसीटा की उसके शरीर के कई जगहों से ख़ून निकलने लगा।
अजय का चेहरा सूज गया था यह बात जब आरती को पता चला तो घर में बहुत बड़ा बवाल हो गया। पर उस दिन आरती ने हिम्मत करके सबको बता ही दिया की वह अजय को पसंद करती हैं। इसके बाद माँ और पिता जी ने तो सिर्फ डांटा पर बड़े भाई जी ने तो एक थप्पड़ भी लगा दिया और कमरे में बंद कर दिया। उस दिन के बाद से आरती का बाहर आना जाना बंद कर दिया गया।
आरती के सारे परिवार वालो का अजय और आरती के रिश्ते लेकर इतना नकारत्मकता क्यों थी इसकी वजह बाकि सबको पता था या नहीं मैं यह नहीं जानता। पर मेरे ख्याल से इसकी सबसे बड़ी वजह था अजय की पर्सनालिटी उसे कोई भी पहली नज़र में देख कर यही समझेगा की कोई आवारा लड़के ने मेरी बेटी बहन को फ़ंसाया हैं।
क्योंकि अजय दुबला पतला, शरीर सांवला, हेयरस्टाइल भी आवारा निब्बा वाले। इस वजह से किसी को भी अजय को पहली नज़र में पसंद नहीं आ रहा था, पर आरती को अजय इतना पसंद क्यों हैं यह आज तक कोई भी समझ नहीं पाया।
पर शायद अजय दिल से अच्छा था और हमेशा साथ निभाने वाला, आरती ऐसा इसलिए भी सोच रही थी क्योंकि इतना मार खाने के बाद भी अजय ने आरती का साथ नहीं छोड़ा। पर कुछ लोगो को लगता था अजय ने आरती का साथ इसलिए नहीं छोड़ा क्योंकि वह अच्छे जानता था की उसे चाह कर भी इस जनम में आरती जैसे गोरी और खूबसूरत लड़की नहीं मिल सकती हैं।
खैर अजय आरती महीनो तक एक दूसरे से नहीं मिले पर अक्सर वो दोनों फ़ोन पर ही बात करते थे। वक़्त ऐसे ही बीतता गया, एक दिन अजय को एक अच्छे प्राइवेट कंपनी में जॉब मिल गया हैं दोनों ही बहुत खुश थे फिर दोनों ने फैसला किया की कुछ अच्छे पैसे हो जाएंगे वो दोनों रजिस्टर मैरिज कर लेंगे और कही दूर रहेंगे। क्योंकि आरती और अजय यह तो अच्छे से समझ चुके थे की आरती के घर वाले कभी नहीं मानेंगे।
अजय और आरती ने की शादी
अजय का कंपनी में जॉब लगने के 8 महीने बाद दोनों ने बिना बताये ही पहले रजिस्टर मैरिज किया फिर मंदिर में जाकर शादी कर लिए। दोनों बहुत खुश थे क्योंकि अंततः दोनों हमेशा के लिए एक हो गए हैं, इन सभी में अजय के कुछ दोस्तो ने भी मदद की थी। अजय और आरती घर से दूर साथ रहने लगे। आरती के माता – पिता और उसके पुरे परिवार वालो ने आरती को खूब डुंडा पर वह नहीं मिली।
इधर अजय के घर वालो को पता नहीं था की दोनों कहा हैं आरती के परिवार और अजय के परिवार वालो में बहुत झगड़ा भी हुआ कई सारे बातें सुना पढ़ा। अजय के घर वालो को और कई बार अपमान भी होना पढ़ा, अजय ने ऐसा काम था जो किसी भी सभ्य परिवार लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
Real Life Love Story
धीरे – धीरे वक़्त बीतते गया करीब एक साल से अधिक हो गया, आरती के परिवार वालो ने भी आरती से रिश्ता तोड़ दिया। आरती एक साल बाद अपने पापा को फ़ोन लगाई पर वो बहुत गुस्से में थे और बात नहीं किया। फिर आरती ने अपनी बड़ी दी को फोन लगाया जिसका नाम प्रिया हैं, आरती ने दी को सारी बात बताई पहले तो बड़ी दी बहुत गुस्सा हुई थी और आरती डाँटा।
फिर आरती को समझाने लगी आरती भी दी से बात करने के बाद अच्छा मेहसूस करने लगी साथ ही माँ और पापा का हाल चाल पूछने लगी। फिर माँ से बात कराने को कहा, फिर एक दिन आखिर कर आरती ने माँ से बात की। माँ का गुस्सा और नाराज़गी भी कुछ शांत हो चूका था क्योंकि माँ तो माँ होती हैं माँ की खुशी भी बच्चो की खुशी में ही होता हैं।
शुरुवात में माँ परेशान जरूर थी पर जब बेटी को खुश देखा था उनके दिल में भी एक सुकून मिला। आरती माँ के साथ खूब सारी बातें की और इस तरह हफ्ते में एक बार उनसे बात हो जाती थी। वक़्त बीतता गया आरती के भाई और उनके पिता छोड़ कर आरती की बात परिवार के सभी सदस्यों एवं उनके अन्य रिश्तेदारो से होने लगी।
घर की पुरानी यादें
धीरे – धीरे सब सामान्य सा होता गया, इधर अजय भी आरती के साथ वापस अपने घर आ चूका था और अपने माता पिता के साथ रहता था। पर आज भी आरती अपने माँ से मिलने अपने घर नहीं जा पाती हैं। जिस घर के आंगन में उसका बचपन बिता था जिस माँ ने उसे गोद में खिलाया था उसे चलना सिखाया था। जिस माँ के आंचल में सर रख कर सोने से उसे सुकून मिलता था जिस माँ के बिना उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था।
जिस पिता के साये में उसे कभी किसी चीज़ की कमी नहीं हुई जिस पिता का साथ उसे गर्व से भर देता था। जिस बड़ी बहन ने हर अच्छे और बुरे वक़्त पर साथ दिया जिसके साथ कई खूबसूरत पल बताए। जिस भाई के साथ खेल कर बचपन बीता था वो सारे पल आज आरती को बहुत याद आते हैं। आज इतने सालों बाद जब मैं आरती से पूछता हूँ की क्या तुम खुश हो तो वह मुस्कुरा कर अपने गम छुपाते हुए कहती हैं की अजय का साथ पाकर मैं बहुत ख़ुश हूँ।
साथ ही आरती यह भी कहती हैं की कोई भी फैसला सोच समझ कर लेना चाहिए। मैं समझ गया की कही न कहीं उसे आज अपने परिवार की बहुत याद आती हैं उनसे दूर होने का दर्द सताता हैं। पर आरती को ये पूरी उम्मीद है की एक दिन सब ठीक हो जाएगा, आज अजय और आरती एक खुशहाल ज़िन्दगी रहे हैं।
आज हम आरती और अजय को साथ देखते हैं तो खुशी होता हैं की हमारे सामने ही इनका प्यार स्कूल के दिनों में शुरू हुआ और आज प्यार के सबसे पवित्र बंधन में बंधे हुए। आज लोगो की अजय और आरती के प्रति सोच बदल चूका हैं और इन्होने बताया हैं की प्यार को जीवन भर कैसे निभाया जाता हैं। वक़्त के साथ सब बदलता चला जाता हैं लोग आते हैं और चले जाते हैं।
खूबसूरत यादें
आज दुनियाँ वाले कुछ भी कहें अजय और आरती के प्यार के बारे में, पर आज अजय और आरती के पास खूबसूरत यादों का ऐसा खज़ाना हैं जो बेशकीमती हैं और यह हर किसी को नहीं मिलता, यह सिर्फ खुसनसीबो को मिलता हैं। और यह खज़ाना हैं खूबसूरत यादों का जो उन्होंने स्कूल के समय से लेकर आज तक साथ रह कर पाया हैं।
आज भी जब आरती और अजय घर के बाल्कनी में बैठ कर गर्म कॉफी पीते हुए हुए तेज़ बारिश को देखते हैं तो उन स्कूल के बारिश के दिनों में खो जाते हैं जो बहुत ही खूबसूरत हुआ करती थी। ये बारिश कई यादें समेटे हुए था जो पहली बार बारिश में साथ भीगने से लेकर, बारिश में हरी भरी वादियों के बीच लॉन्ग ड्राइव का सफ़र हो।
इसी तरह ठण्ड की रातों में जब अजय आरती बेड पर लेट कर खिड़की से टिमटिमाते तारे और चाँद को देखते हैं। ठण्डी शीतल हवाओ को अपने गर्म बदन में महसूस करते हैं, तो वो उन दिनों की याद ताज़ा हो जाती हैं। जब कभी इन सर्द रातों को वें छुप कर रात को घंटो चाँद और तारों को देखते हुए प्यार की बातें किया करते थे। वो पल सच में अद्भुत थे जिसकी खूबसूरत यादें दिल को आज भी सुकून देते हैं।
उन स्कूल के दिनों को याद करके उस पल को दोबारा जीने का दिल करता हैं। आज 9 साल बाद वक़्त के साथ ही सब ठीक हो गया आज अजय और आरती की छोटी सी एक नन्ही सी प्यारी बेटी भी हैं। आज अजय और आरती को देखता हूँ तो सोचता हूँ बड़ी हिम्मत थी इन दोनों में जो इतना सहने के बाद भी आज खुशी से जी रहे हैं।
लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह किये बिना किसी से प्यार करना फिर बड़ी शिद्दत से उस प्यार के रिश्ते को निभाना यह आसान नहीं यह सबको नशीब नहीं होता हैं दोनों ही खुशनशीब थे जो दोनों को अपना प्यार मिल गया।
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