Sache Dost Ki Pahchan Kaise Kare Kya Apka Dost Sucha Hai

Sache Dost Ki Pahchan

Sache Dost Ki Pahchan Kaise Kare

Sache Dost Ki Pahchan Kaise Kare, Qualities Of Good Friends in Hindi ! दोस्ती क्या हैं (Full Meaning Of Friendship) दोस्त एक शब्द नहीं बल्कि पूरी एक दुनियाँ हैं जो हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में दुनियाँ भर की खुशियाँ भर देता हैं। सच्चा दोस्त वो है जो हर मुश्किल हालात में हमें हँसना सिखाता हैं।

 

एक सच्चा दोस्त हमारे सभी अच्छे और बुरे दौर में हमारी परछाई बन कर खड़ा होता है, बिना सच्चे दोस्त के हमारी ज़िन्दगी कभी खूबसूरत नहीं हो पायेगा।

जिसके पास True Friends है वो दुनियाँ के ख़ुशनसीब इंसानो में से एक हैं जिसे शायद आप आज न समझ पाओ पर एक दिन जरूर समझ जाओगे की एक दोस्त होने और सच्चे दोस्त होने में क्या अंतर होता हैं।

एक Time था जब सच्चे दोस्त अपने दोस्ती के लिए जान भी दे देते थे, यह वह वक़्त था जब दोस्ती का बहुत क़द्र होता था तब दोस्त की जुबान की बहुत कीमत होता था।

पर आज वक़्त के साथ सब बदल गया हैं अब तो ऐसे दोस्त है जो कुछ पैसो के लिए अपने ही दोस्त की जान भी ले लें। जो आपका सिर्फ फायदा उठाना चाहते हैं अपने मतलब के लिए दोस्त बनाते है, पहले के दौर में दोस्त जरूर कम होते थे पर सच्चे होते थे।

पर आज दोस्त तो सैकड़ो है पर उनमें से Real Friend कौन Fake Friend कौन पहचनना बहुत ही मुश्किल हैं, इसलिए आज हम यहीं जानेंगे की Sache Dost Ki Pahchan Kaise Kare, Who is Your True Friend.

आज हमारे आस पास अनगिनत दोस्त मिल जायेंगे जो बचपन के दोस्त से लेकर स्कूल, कॉलेज, पड़ोस और कुछ सोशल मिडिया दोस्त होते हैं। पर इनमें आपके सच्चे दोस्त कौन हैं यह आप इन बातो से जान पाएंगे जो इस प्रकार हैं।

How To Identify True Friends

1. बचपन के दोस्त (Childhood Friends)

बचपन वो दौर होता है जो बहुत ही मासूम होता है जिसमें बनाये गए ज्यादातर दोस्त सच्चे होते हैं और यह दोस्ती सच्चा होने के साथ लाइफटाइम Dosti Friends Forever भी बन जाता हैं। क्योंकि बचपन की मासूमियत में इस वक़्त वो मतलबी होना या किसी का फायदा उठाना, किसी को धोखा देना इन सबका मतलब भी नहीं पता होता हैं।

 

उसे तो इस बात का भी फर्क नहीं पड़ता हैं की तुम कहा से हो किस परिवार से हो उन्हें तो बस दोस्ती से मतलब होता हैं, यहीं वजह की 80 प्रतिशत किस्सों में सच्चे दोस्त बचपन के ही होते हैं।

अगर आपके बचपन के दोस्त आपकी विचार धारा के ही है तो इसकी ज्यादा संभावना है की आप दोनों एक अच्छे Lifetime Friend साबित होंगे।

2. बातो से पहचाने (Talk Through)

एक अच्छे दोस्त और सच्चे दोस्त को आप उनकी बातो से जान सकते है क्योंकि किसी भी दोस्ती में किसी को समझने में बातो का बहुत महत्त्व होता है। क्योंकि अंदर दिल में क्या है यह आप उनके बातो से ही जान पाएंगे एक नकली दोस्त आपको हमेशा ख़ुश करने वाला ही बात करेगा आपकी चापलूसी करेगा।

खुद को आपका अच्छा दोस्त दिखाने की कोशिश करेगा और अच्छी बाते करेगा। पर एक सच्चा दोस्त आपके अच्छे के लिए बात करेगा जो आपकी अच्छाई पर तारीफ भी करेगा और बुरा करने पर आपको समझाएगा, ऐसे दोस्त आपके बुरा काम करने से रोकेगा।

आपको कभी – कभी प्यार से डांट भी देंगे पर True Friend कभी दिखावा नहीं करेगा न ही आपकी कभी चापलूसी करेगा। एक सच्चा दोस्त आपकी हर बातो को ध्यान से सुनेगा और अगर आप परेशानी में होंगे तो सबसे पहले वही आपकी मदद को आगे आएगा।

3. आप जैसा हो वैसे ही स्वीकार्य करेगा (Will accept you as you are)

सच्चे दोस्त वो होते है जो आप जैसे है उसी रूप में स्वीकार्य करें, हम सब जानते है सभी में अच्छी और बुरी आदत होती है। पर एक सच्चा दोस्त आपकी गलती या बुराई का मजाक नहीं उड़ाएगा बल्कि उसे सुधारने की कोशिश करेगा।

पर वही एक झूठा दोस्त आपको अपनी तरह बनाने  कोशिश करेगा, आपको बुरी आदते सिखाएगा आपसे आपकी पहचान ही छीन लेगा जो भविष्य में आपको कई बड़ी मुश्किलों डाल सकता हैं।

4. बुरे वक़्त में साथ (Together in bad times)

अक्सर लोग यह गलती करते है की कोई उनके खुशी के मौके पर उसके साथ झूमता है पार्टी करता उसकी तारीफ करता है तो लोग उसे ही अपना सच्चा मित्र मानने की भूल कर बैठते है। पर जब आप मुसीबत में होते है तो यही पार्टी करने वाले दोस्त कोई न कोई बहाना बना कर आपकी मदद नहीं करते है।

पर एक सच्चा दोस्त आपके खुशी से ज्यादा आपके बुरे वक़्त में आपके दुःख के समय मजबूती से आपके साथ खड़ा होगा। वह बुरे वक़्त में आपको प्रोत्साहित करेगा, हार न मानने का हौसला देगा, आपको हँसाने की कोशिश करेगा एक बड़े भाई की तरह आपका ख्याल रखेगा जो एक सच्चा दोस्त ही कर सकता हैं।
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5. भावनात्मक रूप से साथ (Emotionally Together)

अगर आप सोचते है की School या College के दोस्त आपके साथ रहते हैं घूमते फिरते हैं तो वही आपके सच्चे दोस्त है तो यह आपकी गलत फहमी है। क्योकि ऐसा जरुरी नहीं होता है कई बार कॉलेज या स्कूल के दोस्त एक सच्चे दोस्त न होकर एक दूसरे की जरुरत होते हैं जो समय के साथ खत्म भी हो जाता हैं।

Sache Dost Ki Pahchan Kaise Kare
पर स्कूल या कॉलेज में 1 या 2 दोस्त ऐसे जरूर मिलेंगे जो आपके साथ न सिर्फ मानसिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी आपसे जुड़ जायेंगे।

 

जो आपकी बातों को आपकी भावनाओ को दिल से समझेंगे जो आपको तकलीफ में बिल्कुल नहीं देख सकते वह आपको हमेशा अच्छी सलाह और आगे बढ़ने लिए प्रोत्साहित करेंगे।

6. बिना बोले बातों को समझना (Understand Without speaking)

यह एक ऐसी बात है जिसे एक सच्चा दोस्त ही समझ सकता हैं और ऐसा दोस्त आपके ज़िन्दगी में सिर्फ 1 या 2  ही मिलेंगे, जो आपके हँसते हुए चेहरे के पीछे भी आपकी उदासी को आपके दर्द को पहचान लेंगे।

क्योंकि ऐसे लोग बातों से ज्यादा आपकी भावनाओ को तुरंत पहचान लेते है ऐसे लोग भावनात्मक रूप से ज्यादा अच्छे से आपसे जुड़े होते हैं।

 

7. एक दूसरे का सम्मान (Respect each others)

एक सच्चा दोस्त हमेशा समान्य व्यवहार करता है जो सामने आपके लिए सम्मान की भावनाये होती है वही सम्मान आपके सामने न होने पर भी होता हैं। एक सच्चा दोस्त एक दूसरे की बातो और भावनाओ का हमेशा सम्मान करते हैं, एक दूसरे की निजी बातें कभी किसी तीसरे व्यक्ति को साँझा नहीं करते हैं।

पर वही कुछ झूठे दोस्त आपके सामने तो बड़ी प्यारी – प्यारी बात करेंगे, आपको पूर्ण रूप से ख़ुश करने की कोशिश करेंगे पर पीट पीछे आपकी बुराई करते है। ऐसे लोग दोगले होते है जो अपना काम के मक़सद से आपकी चापलूसी करते है ऐसे लोग से दूर रहे।

 

8. फॅमिली फंक्शन (Family Function)

एक सच्चा दोस्त आपको अपने दोस्त से बढ़कर समझता हैं इससे आप इस बात से समझ सकते है अगर आपका दोस्त आपको अपने Family के किसी खास समारोह में बुलाता हैं तो।

इससे यह पता चलता है की वह आपको सिर्फ बातो से नहीं बल्कि दिल से भी आपको अपना दोस्त मानता हैं आपकी मौजूदगी उनको अच्छा एहसास कराता है।

वही दूसरी ओर दिखावे के दोस्त बड़ी – बड़ी बाते जरूर करेगा पर जब भी कोई खास मौका हो तो वह आपको बुलाना जरुरी नहीं समझेगा, यहाँ तक की वह अपनी पार्टी में भी आपको नहीं बुलाएगा। ऐसे दोस्त आपको जरुरत के हिसाब से इस्तेमाल करते है जब उनका कोई मतलब हो तभी वो आपको याद करेंगे।

9. खुद को सुरक्षित और अच्छा महसूस करना (Feeling safe and well)

कई बार कुछ बातें समझ कर नहीं कही जा सकती उसे सिर्फ feel किया जा सकता हैं जो आपको ऐसा एहसास हर किसी दोस्त के साथ महसूस नहीं होगा। यह सिर्फ आपके सच्चे दोस्त के साथ होने पर है यह महसूस होगा, जो आपको उनके साथ होने पर खुद को सुरक्षित और एक सुकून दिलाता है।

जो साथ होने पर खूब मस्ती भी करते है और दुःख के समय बहुत गंभीर होकर उसे सुलझा भी लेते हैं। पर नकली दोस्त के साथ ऐसा कुछ महसूस नहीं होता, साथ ही नकली दोस्त दुःख के समय या बुरे दौर में आपकी मदद करने के बजाय बस सब ठीक होगा कह कर निकल जायेगे पर मदद नहीं करेंगे।

 

10. खुद अच्छा दोस्त बने (Be yourself good friend)

 

हमारी गलती यह होती हैं की हम खुद तो यह जानना चाहते है की वो मेरा सच्चा दोस्त है की नहीं पर आप खुद कैसे है यह बिल्कुल भी नहीं देखते। कई बार तो हम अपने दोस्त की परीक्षा लेने से भी नहीं चूकते हैं जो की बहुत गलत हैं।

आप दुसरो में अच्छाई और सच्चे दोस्त के गुण ढूंढ़ने से पहले खुद को एक अच्छा इंसान सच्चा दोस्त के तौर पर बनाये फिर अपने दोस्त से किसी उसी तरह की अपेक्षा रखें।

अगर आप खुद ही बुरे है और लोगो का मजाक उड़ाते और दोस्त को एक दोस्त की तरह नहीं बल्कि जरुरत के रूप में देखते हो तो आपका कोई हक़ नहीं की आप अपने दोस्त को अच्छा या बुरा कहे।

क्योंकि एक सच्चा दोस्त समझदार और मानसिक रूप से मजबूत होता है इसलिए पहले खुद को एक अच्छा और सच्चा इंसान बनाये।
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