Best School Love Story
Best New Real School Love Story In Hindi, Love Story In Hindi Lyrics, सच्ची प्रेम कहानी वैसे तो यह कहानी बहुत लंबी हैं जिसे एक साथ पढ़ना आसान नहीं हैं, इसलिए आज मैं आपको इस कहानी के कुछ अंश लेकर आया हूँ। आशा करता हूँ आपको यह True Real school Love Story पसंद आएगा। अगर आपको भी काल्पनिक के बजाय एक अच्छी Long Real Love Stories पढ़ना पसंद हैं इसे पूरा जरूर पढ़े।
बात तब की हैं जब अविनाश याने की मैं बिलासपुर में रहता था तब मैं अपना 8th क्लास पूरा कर चूका था। पापा पुलिस में थे तो पापा का ट्रांसफर बिलासपुर से रायपुर हो चूका था। हमें कुछ महीनों में ही रायपुर शिफ्ट होना था, मैं रायपुर जाने से पहले कुछ घबराया हुआ था, क्योंकि रायपुर मेरे लिए बिल्कुल नया शहर होने वाला था।
मेरे सारे बचपन और स्कूल के दोस्तों का साथ भी हमेशा के लिए मुझसे छूटने वाला था। एक छोटे से मासूम बच्चे के लिए यू सब कुछ छोड़ कर किसी अंजान शहर में जाकर रहना और आगे की पढ़ाई करना आसान न था।
खैर वक़्त ऐसे ही बीतता गया तभी मैंने देखा हमारे पड़ोस में एक अंकल रहने आए उनका नाम गोपीनाथ उपाध्याय था उनकी पत्नी और एक 5 साल का बच्चा था। कुछ दिन बाद अंकल की पापा से बात हुई तो पता चला वे बहुत अच्छे हैं उनकी पत्नी का मायका रायपुर हैं।
ये सुन कर मुझे थोड़ा अच्छा लगा था की रायपुर के लोग बहुत अच्छे होते हैं क्योंकि अंकल और आंटी बहुत ही अच्छे थे। पर सच कहुँ उस दिन मैं आंटी को जब देख रहा था तो अचानक से मेरे दिल में एक ख्याल आया की क्या रायपुर की लड़कियाँ भी ऐसी ही अच्छी और खूबसूरत होती हैं।
इन सब को सोचने के पीछे का कारण यह था की वो पड़ोस वाली आंटी बहुत ही खूबसूरत थी और उनका स्वाभाव भी बहुत अच्छा था। ऐसे में मैं भी दिल ही दिल में सोचने लगा की क्या मुझे भी रायपुर में ऐसी कोई लड़की मिलेगी।यह सोच कर ही मैं थोड़ा खुश हुआ।
देखते ही देखते वह दिन भी आ ही गया जब मुझे बिलासपुर छोड़ रायपुर के लिए रवाना होने वाला था। मैं भी जाने से कुछ घंटे पहले अपने दोस्तों से आखरी बार मुलाकात किया और उनसे गले मिल कर उन सबको गुड बाय कहा।
उस दिन मैं बहुत भावुक था क्योंकि एक ही पल में सबका साथ पीछे छूटने वाला था। पर जाना तो था की तो मैं अंतिम बार अपने आँगन में लगे पेड़ो को पानी दिया। वही गली में बैठे कुछ डॉग्स जिससे मेरा एक अच्छा लगाओ बन चूका था तो मैंने 3 बिस्कुट के पैकेट उनके खाने के के लिए दे दिये।
Long Real Love Stories In Hindi
फिर मैं बिलासपुर में बिताये उन सुनहरी यादगार यादें लेकर रायपुर आ गया। रायपुर मेरे लिए एक बिल्कुल नया शहर था जो काफी बड़ा और सुन्दर था, हम अपने नए घर में शिफ्ट हो गए। अब बारी था स्कूल जाने का पापा ने 8th क्लास में एडमिशन पहले ही करा दिया था तो 2 दिन बाद मैं स्कूल चला गया।
मैं बहुत डरा और घबराया हुआ था जैसे तैसे मेरा पहला दिन ठीक ठाक ही था। पर मुझे वो स्कूल पसंद नहीं आया क्योंकि वहाँ किसी ने मेरी मदद नहीं किया। टीचर के बोलने पर भी किसी ने मदद नहीं किया, क्योंकि मेरा लेट एडमिशन था तो मुझे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।
मुझे अपने पुराने स्कूल के दोस्त बहुत याद आने लगे मैं बहुत रोया भी। धीरे – धीरे मैं यह तो जान गया यहाँ सब मतलबी हैं मेरी कोई हेल्प नहीं करेगा। फिर सब कुछ मैं खुद ही करने लगा धीरे – धीरे सब सही होने लगा, फिर मेरा एक दोस्त भी बन गया।
वक़्त बीतता गया देखते ही देखते हमारा क्वार्टली एग्जाम भी आ गया। मैं क्लास में गया पेपर देने की लिए बैठा था तभी मेरी नज़र सामने बेंच पर बैठी एक लड़की पड़ी, सच कहुँ तो मेरी नज़र कुछ पल के लिए उससे हटी ही नहीं क्योंकि वह बहुत गोरी और सुंदर थी।
दो छोटी में वह बहुत ही मासूम लग रही थी, उसकी सुरत कुछ – कुछ जूही चावला की तरह थी। कुछ पल के लिए मैं सोचने लगा की ये लड़की कितनी सुंदर हैं काश ये मेरी दोस्त होती तो कितना अच्छा होता। फिर मैं यह भी सोचने लगा की कितनी सुन्दर लड़की मेरी किस्मत में कहा।
मैं तो आज तक किसी लड़की से दोस्ती तक नहीं कर पाया था, तो उस लड़की का दोस्त बनना मेरे लिए सपने जैसे था। खैर एग्जाम स्टार्ट हो गए मैं बीच – बीच में उसे बस देखता ही रहता था। इस तरह सारे पेपर में मैं उसे देखता रहता था।
इसके बाद मैं ज्यादा कुछ सोचा नहीं और पेपर दिलाने में लग गया। मेरा अंतिम पेपर भी हो गया और मैं बहुत खुश था कई परेशानियों के बाद क्वार्टली एग्जाम अच्छे गए। मुझे भी पहली बार क्लास में एक अच्छे स्टूडेंट्स के रूप पहचाना जाने लगा।
इसक बाद से कई टीचर्स ने मेरी खूब तारीफ भी किया, इस तरह देखते देखते समय बीतता गया मेरे दोस्त भी बन गए और फाइनल एग्जाम भी हो गया। मैं 9th में फर्स्ट डिवीज़न से पास भी कर लिया।
Romantic School Love Story In Hindi
गर्मियाँ की छुट्टी खत्म हो गया और जुलाई का महीना सूरु हो गया अब मैं 10th क्लास में आ गया था। पहला सफ्ताह तो अच्छा रहा वही पुराने चेहरे तो कुछ – कुछ नए चेहरे। फिर सोमवार को मैंने देखा की वह लड़की भी प्रेयर के समय थी।
फिर सब क्लास की ओर जाने लगे मैंने देखा वह लड़की भी हमारे क्लास में आकर बैठ गई। मेरा दिल जोर से धड़का पर अंदर से मैं खुश था की अब मैं उसे हर रोज देख पाउँगा। क्लास शुरू हो गया उस दिन मुझे पता चला की उसका नाम सुमन हैं।
फिर धीरे – धीरे दिन बीतने पर सुमन के बारे में मुझे और भी जानने को मिला की लास्ट ईयर उसका तबियत बहुत ख़राब होने की की वजह से 2 पेपर नही दिलाया था। इसी वजह से सुमन को 10th क्लास दोबारा पढ़ना पढ़ा।
मेरा दिन भी अच्छे से बीतने लगा था मैं पहले से ज्यादा खुश रहने लगा था। क्योंकि मुझे हर रोज उसे देखने का मौका जो मिल गया था, मैं सुमन के लिए खुद को बदलने लगा था। पर यह बदलाव बहुत अच्छा था क्योंकि मैं पहले से ज्यादा अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा था।
पहले से ज्यादा अच्छा दिखने की कोशिश करने लगा था पहले से ज्यादा मुस्कराने लगा था वक़्त बस यूही बीतता गया। मैं सुमन को चुपके – चुपके बड़े प्यार से इस उम्मीद से देखता था किसी तरह वह सुमन से दोस्ती कर ले।
पर मेरे जैसे शर्मीले लड़के के लिए यह इतना भी आसान नहीं था। इस कारण मेरा ज्यादा समय पढ़ाई पर ही बीतता गया। पर इसका फायदा यह हुआ की मैं क्लास में एक होनहार, होशियार, सबसे शांत और समझदार लड़को में सबसे आगे आ गया था।
जिसके लिए कई टीचर्स ने भी मेरी खूब तारीफ करने लगे थे, टीचर की तारीफ के बाद से ही सुमन का ध्यान भी मेरी ओर आने लगा। पर यह काफी नहीं था, फिर वह दिन भी आ ही गया जो हर एक स्टूडेंट की ख्वाहिश होती हैं।
साइंस की टीचर पेपर चेक करने के बाद सभी स्टूडेंट्स को दे दिया ताकि स्टूडेंट्स अपना नंबर जान सके। टीचर ने सबका नाम लेकर उसकी आंसर शीट देखने को दिया।
साथ ही कौन कितना नंबर लाया हैं यह भी सबको बताया तो पता चला की Second highest number मुझे मिला था। जिसके लिए टीचर ने सभी स्टूडेंट्स को खड़े होकर ताली बजाने को कहा। सबने मेरे लिए ताली बजाया पर मेरी नज़र सुमन की तरफ था।
सभी की तरह सुमन ने भी मेरे लिए ताली बजायी मैं इतना सोच कर ही खुश होने लगा था। वह पल मेरे लिए बहुत यादगार लम्हों में से एक था, धीरे – धीरे कही न कही मैं भी सुमन के नज़र में आ तो चूका था जिसका अंदाज़ा मुझे नहीं था।
सुमन का मेरी तरफ ध्यान देने का पहला कारण मेरा समझदार शांतप्रिय और पढ़ने में अच्छा होना था। दूसरी खास बात यह भी था की मैं हैंडसम था एक तो गोरा ऊपर से मेरे सिल्की बाल और ब्राउन आँखे किसी को भी अपनी ओर खींच सकता था।
Cute True School Love Story
यह बात मैं नहीं बल्कि मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा था और साथ में यह भी कहा था की कोई भी समझदार लड़की तुझे न नहीं बोलेगी। इसी वजह से न सिर्फ मुझे क्लास की बल्कि 8th और 9th क्लास की कुछ लड़की भी मुझे पसंद करती थी मुझे देखा करती थी।
पर मुझे खुद ही अपनी अंदर की क्वालिटी का पता नहीं था और शर्मीला नेचर की वजह से कभी किसी लड़की से न बात करता था दोस्ती तो बहुत दूर हैं। इस तरह हमारा 10th क्लास भी यूँ ही छोटी – बड़ी खूबसूरत यादो के साथ बीत गया।
11th क्लास में
ये वो साल था जब मुझे पता चलने वाला था की सुमन भी मेरी बहुत तारीफ करती हैं। इस साल दोनों को एहसास होने वाला था की वो दोनों ही एक दूसरे को पसंद करते हैं।
हर साल की तरह सब पुराने दोस्त 11 क्लास में मिलते हैं पर इस साल सब कुछ बदल चूका था। क्योंकि 10th में पढ़ने वाले 80 % स्टूडेंट्स ने कॉमर्स ले लिया था जिसमें 15 लोगो ने मैथ्स और 8 लोगो ने साइंस जिसमें से मैंने साइंस लिया था सुमन ने कॉमर्स लिया।
जिसकी वजह से मेरे और सुमन के बीच कुछ दूरियाँ आ गया था। पर कहते है न जो होता हैं अच्छे के लिए होता हैं, ये दूरियाँ ही हमें करीब लाने वाला था हर रोज मैं को हिंदी और इंग्लिश क्लास अटैंड करने के लिए कॉमर्स क्लास में जाता था।
मैं भी हर रोज की तरह बेसब्री से उसे देखने के चाह में जाता था। सुमन भी चुपके से मुझे देखा करती थी पर मुझे पता नहीं था की सुमन भी मुझे देखा करती हैं। उसे देख कर मुझे हमेशा एक अच्छी वाली फीलिंग आता था।
अब सुमन भी अपनी सहेलियों से मेरे बारे में खुल कर बातें करने लगी थी वो हमेशा मेरी तारीफ अपनी सहेलियों से किया करती थी। जब मैं किसी दिन स्कूल न आ पाता तो अक्सर दबी लफ्ज़ो में अप्रत्यक्ष रूप से मेरे बारे में जानने का प्रयाश करती थी।
यह सारी बातें एक दिन सुमन की सहेली ने ही मुझसे आकर कह दी जो की मेरी सीनियर थी, जिसका नाम वंदना था। उस दिन उस लड़की की बात सुन कर मेरा दिल जोर से धड़का फिर अंदर ही अंदर मैं खुशी से झूमने लगा था। क्योंकि अभी तक जो मैं सोचा करता था की सायद वो मुझे पसंद करती हैं की नहीं।
पर उस दिन मुझे कन्फर्म हो गया की सुमन के दिल में भी मेरे लिए प्यार हैं। यही वजह था की हर रोज़ लंच टाइम में फ्रेंड्स से मिलने बहाने सुमन हमारे क्लासरूम आया करती थी। उस दिन के बाद से मुझे किसी भी तरह सुमन से बात करने और अपने दिल की बात कहने को मैं और भी बेताब था।
School Love Story In Hindi Lyrics
मैं अगले दिन स्कूल पहुँचा मैं बेशब्री से सुमन का इंतज़ार करने लगा। सुमन को न आता देख मैं जैसे ही क्लास रूम से निकला सामने सुमन ही थी और मेरी उससे ठक्कर हो गई। इससे सुमन का बैलेंस बिगड़ गया वह गिरने लगी उसे बचाने के चक्कर में मैं भी गिर गया।
मैं घबरा सा गया और मन ही मन सोचने लगा की ये क्या गलती कर दी मैंने, मैं बहुत डर गया था की कही आज ही मेरे प्यार का द एन्ड न हो जाये। पर फिर मैं खुद को सम्हालते हुए सुमन को सॉरी कहा और उसे हाथ देकर उठाने लगा।
सुमन के वो कोमल हाथो का वो पहला स्पर्श एक खूबसूरत एहसास था जिसे मैं कभी भी भूल नहीं सकता। उठने के के बाद सुमन का रिएक्शन गुस्से वाला नहीं था ये देख मुझे सुकून मिला और उसने बोला कोई बात नहीं। इतना कह कर वह अपने क्लास की तरफ चली गई।
इस तरह सुमन और मेरी पहली बार फेस टू फेस बात हुई। यहाँ से मेरे और सुमन के बीच और भी करीब आने का दौर शुरू हो गया। मैं भी सुमन की पढ़ाई में मदद करने लगा, हम जब भी मिलते स्माइल करते और इशारो ही इशारो में बात शुरू हो गई।
इस तरह कई दिन चलने के बाद हम दोनों एक अच्छे दोस्त बन गए। मुझे उसका बर्थडे याद था तो मैंने सोचा क्यों न इस इस रिश्ते को और भी बढ़ाया जाए। यह सोच कर मैंने उसे एक प्यारा सा ग्रीटिंग कार्ड्स और डेरी मिल्क सही बहुत सारे चॉकलेट गिफ्ट दें दिया।
क्योंकि यही वो मौका था जब वो मेरे गिफ्ट को मना नहीं कर सकती थी। सुमन ने गिफ्ट ले लिया और जब गिफ्ट खोला तो उसके चेहरे पर एक बहुत अच्छी स्माइल थी क्योंकि सुमन को चॉकलेट बहुत पसंद थे। अच्छा हुआ की मैंने कोई महँगी गिफ्ट नहीं दिया क्योंकि वह वैसी लड़की नहीं थी की महँगी गिफ्ट को लेती और न लेती तो मेरा दिल टूटता।
इस तरह हमारी दूरियाँ अब नज़दीकियां में बदलने लगा। हम दोनों ही एक दुसरो को दिल से महसूस करने लगे, दिन बहुत ही अच्छे बीतने लगे, मुझे स्कूल जाना पहले से ज्यादा अच्छा लगने लगा था।
प्यार का इज़हार
दिसंबर का महीना चल रहा था, हर साल की तरह हम फाइनल एग्जाम से पहले पिकनिक जरूर जाते थे। वैसे तो मैं पिछले कई साल से कभी भी पिकनिक नहीं गया था पर इस बार जाने की इच्छा बहुत ज्यादा था। इसकी वजह था मेरी सुमन, मैं चाहता था की मैं और सुमन कुछ वक़्त स्कूल से दूर कही साथ बिताए।
दूसरी वजह यह था की मैं उसे अपनी दिल की बात बताने वाला था। क्योंकि इसके बाद एग्जाम आने वाले थे इसके बाद मौका नहीं मिलता तो मै किसी तरह सुमन को भी पिकनिक जाने के लिए राज़ी कर लिया। पूरी क्लास पिकनिक के लिए तैयार थे 23 दिसंबर का दिन भी आ गया।
क्लास की लड़कियाँ और लड़के सुबह 7 बजे स्कूल पहुँच गए, जहाँ हमें बस से पिकनिक के लिए निकलना था। उस दिन मैं पहली बार मेरे क्लास के लड़के और लड़कियों को इतने कूल अंदाज़ में देखा था। उन सभी का यह अंदाज़ मेरे लिए नया था।
पर मेरी निगाहें तो सिर्फ सुमन को ढूंढ रहीं थी क्योंकि मैं पहली बार पिकनिक भी तो उसी के लिए जा रहा था। सुमन अपने भाई की बाइक पर बैठ कर आ रही थी उसके खुले बालो का यूँ हवा में उड़ना और सुमन का यूँ नए अंदाज़ में देखना मुझे वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।
Real Life Romantic School Love Story In Hindi
जो मुझे उसकी ओर और भी आकर्षित कर रहा था। हम सब बस में एक साइड में गर्ल्स और दूसरी साइड पर लड़के बैठ गए। सुबह की ठंड में यूँ मद्धम – मद्धम संगीत का कानो पर पड़ना हमारे पिकनिक के सफर को और भी रोमांचित और यादगार बना रहा था।
कुछ देर के बाद म्यूजिक बंद हो गया धुप भी निकल गया सब अंताक्षरी खेलने की जिद करने लगे टीचर ने भी सहमति दे दिया। उस दिन मुझे पता चला की सुमन सिर्फ दिखने और पढ़ने में नहीं बल्कि गाने में भी बहुत अच्छी हैं।
पर उस अंताक्षरी में सबसे खास बात यह थी की वह हैं सुमन का वह रोमांटिक अंदाज़ में ऐसे गाने को गाना। मानो वह अपने गाने से प्यार के इशारे दें रही हो कुछ भी कहो सुमन का यह अंदाज़ मुझे बेहत पसंद आ रहा था। देखते ही देखते हम सभी अपने पिकनिक डेस्टिनेशन पर पहुँच गए।
सबने खूब एन्जॉय किया बहुत सारी फोटोज ली इसी बीच मुझे भी कुछ वक़्त सुमन के साथ बिताने का वक़्त मिला। हमे एक यादगार वक़्त साथ बिताने का मौका मिला जिसे मैं कभी नहीं भूलने वाला था। खूब सारी मस्ती और पिकनिक स्पॉट को देखने के बाद हम लोग 7 बजे वहा से निकल गए।
सब कोई थक चुके थे और ठण्ड भी लग रही थी अधिकांश लोग बस में जाकर आराम से बैठ गए। कुछ देर बाद ही अधिकांश लोग आंख बंद कर अपनी सीट पर सोये थे। तो तभी मैंने सोचा क्यों न कुछ वक़्त सुमन के साथ बैठा जाये।
क्योंकि सुमन और मेरी सीट पीछे थी तो मैं उसकी फ्रेंड और अपने फ्रेंड को जगह बदलने के लिए राज़ी कर लिया और सुमन ने भी माना नहीं किया। कुछ देर बातें करने के बाद सुमन को भी नींद आने लगी वह आंख बंद कर ली कुछ देर बाद ही उसने अपना सर मेरी कंधो पर रख कर सोने लगी।
मैंने भी थोड़ी हिम्मत की और प्यार से सुमन के हाथो में अपना हाथ रख दिया। मानो मै उसे यह एहसास दिलाना चाहता था की मैं उसका साथ कभी नहीं छोडूंगा। ऐसे ही मैं उसकी हाथो को पकड़ा रहा और अपनी आँखे बंद कर हसीन यादों में खो गया।
सच में वह दृश्य बहुत ही यादगार रोमांटिक लम्हा था जिसे शब्दो में बया करना मुश्किल हैं। उसका यू मेरे कंधे पर सर रख कर सोना, बैकग्राउंड में मध्यम संगीत का बजना, ठंड का मौसम और उसकी सांसो की वह गर्माहट जिसे मैं महसूस कर रहा था।
कुछ दूर चलने के बाद एक सुमन उठ गई फिर मैंने उसे अपने दिल की बात भी कहना शुरू कर दिया। क्योंकि यही समय था अपने दिल की बात कहने की, फिर मैंने सुमन को कहा की सुमन मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।
सुमन तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो आज नहीं बल्कि तब से जब से मैं 9th क्लास में था तब से। इतने सालो से तुम्हे जानने और समझने के बाद आज मैं पुरे होश में तुमसे कहना चाहता हूँ की मैं तुमसे प्यार करता हूँ I Love You Suman.
मेरी इस बात को सुन कर वह बुरा नहीं मानी क्योंकि वह माहौल ही रोमांटिक था। सुमन ने मुझसे कहा आज जो तुमने बोला हैं न अपने दिल की बात अगर वो तुम मुझसे पिछले साल ही कह देते तो भी मैं हा बोल देती पर तुम तो कुछ कहे ही नहीं, बस सारा दिन बुक्स में लगे रहते हो।
खैर कोई बात नहीं मैं भी तुम्हे पसंन्द करती हूँ I Love You Too इतना कहते हुए सुमन ने मेरे हाथो में अपना हाथ रख कर जोर से पकड़ लिया। मैंने भी थोड़ी हिम्मत की और सुमन के हाथो को चुपके से kiss किया इस तरह हम दोनों ने अपने प्यार का इज़हार किया।
फिर सुमन अपने सीट पर चली गई क्योंकि हम भी घर पहुँचने वाले थे। उस दिन के बाद से हम दोनों की लाइफ बहुत ही खूबसूरत हो गया, सुमन और मैं आज भी साथ हैं। जब भी हमे मौका मिलता हम स्कूल के वो प्यारे दिन याद करते और खूब सारी बातें करते।
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अगर आप सच्चा प्यार क्या होता हैं उसे जानना चाहते हैं, उस सच्चे प्यार को महसूस करना चाहते हैं तो आप नीचे गई मूवी को जरूर देखें। यह आपकी लाइफ को बदल कर रख देगी, प्यार के प्रति आपका नजरिया ही बदल जाएगा उम्मीद हूँ आप सबको पसंद आएगा।👇
यह थी हमारी एक छोटी सी प्यारी True Real School Love Story In Hindi. तो आप सभी को हमारी यह एक Long True Love Story in Hindi कैसा लगा कमेंट में जरूर बताए। इस लव कहानी को लिखने का उद्देश्य यह भी था जब सुमन मुझे मिल गई।
उसके कुछ साल बाद मुझे बिलासपुर की वो बातें याद आने लगा की जो बातें मैं अनजाने में सोचा करता था किस तरह वो सारी बातें सच हो गई। फिर जब मैं उस बिलासपुर वाली आंटी के बारे में सोचा तो उनकी जो दुँधली तस्वीर मेरे दिमाग में थी वह भी कुछ हद तक सुमन ही की तरह ही था।
यही वजह था की जब मैंने सुमन को पहली बार देखा तब से ही मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगा था। यह एक इत्तेफाक था या मेरी दूरदर्शिता पता नहीं पर यह बातें हुआ तो सच में था।
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