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Hindi Kahani, हिंदी कहानी, Modern Love Story In Hindi, Story in hindi with moral ! आज हम आपके लिए एक ऐसी सच्ची घटना पर आधारित कहानी लेकर आये हैं जो आज के आधुनिक युग में बिल्कुल सटीक बैठती हैं। ऐसा इसलिए भी हैं क्योंकि आज के दौर में प्यार और प्यार करने वाले दोनों ही बिल्कुल अलग विचार धारा को रखते हैं।
ऐसा क्यों होता हैं की आज के दौर में सच्चा प्यार मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा हैं। और इस झूठे प्यार के दिखावें में कई ज़िंदगियाँ ख़राब हो रहीं हैं आज यहीं इस Hindi Kahani, story in hindi with moral के माध्यम से समझेंगे।
Modern Love Story – प्यार या टाइम पास
यह कहानी हैं संजय और पूजा की, बात आज से 6 साल पुरानी हैं संजय एक बहुत सीधा साधा और अच्छा लड़का था। वह पढ़ने में बहुत अच्छा एवं क्लास में बहुत शांत रहता हैं, वह क्लास में सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान देता था। एक साल बीत जाने के बाद भी उसके कोई खास दोस्त नहीं थे, लेकिन जब कोई उससे बात करता था तो वह बात कर लेता था।
पर जितने लोग भी उससे बात करते पढ़ाई से सम्बंधित चीज़ो के लिए ही होता था, बाकि वक़्त वह अकेला गुमसुम सा बैठा रहता था। हमारे क्लास में कुछ अच्छे पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के साथ अच्छे स्वभाव वाले लड़के थे।
जिसमें मेरा और संजय का नाम सबसे ऊपर रहता था, क्योंकि हम दोनों ही एक जैसे थे पढ़ने में भी और स्वभाव में भी, इस वजह से धीरे – धीरे मेरी संजय के साथ अच्छी दोस्ती हो गई। उससे दोस्ती करने के कुछ सालो बाद मुझे पता चला की संजय के माता – पिता और भाई इस दुनियाँ में नहीं हैं।
इन सबको सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ उसकी कहानी भी रुला देने वाली हैं। इस वजह से ही संजय अकेला और गुमसुम रहता था पर उस दिन के बाद से संजय मेरा दोस्त से बढ़ कर भाई तरह हो गया। हम दोनों ने एक साथ अच्छा वक़्त बिताने लगे और हम दोनों के बीच स्कूल की काफी अच्छी यादें हैं जो बहुत ही यादगार हैं।
कॉलेज में हुआ संजय को एक लड़की से प्यार
वैसे देखा जाए तो संजय स्कूल में प्यार और लड़कियों के प्रति कभी उतना आकर्षित नहीं होता था। क्योंकि वह समझदार था, पर आखिरकार वो था तो लड़का ही तो फीलिंग तो होगी। इस वजह से जब संजय हमारे कॉलेज में पढ़ने आया तो वह अपने ही क्लास पढ़ने वाली एक लड़की की तरफ आकर्षित होने लगा।
उसे वह लड़की अच्छे लगने लगी उसका नाम पूजा था, शुरुवात में तो संजय मुझे पूजा के बारे में कुछ नहीं बताता था न ही उसके बारे में मुझसे खुल कर कुछ कहता था। पर धीरे – धीरे संजय मुझे पूजा के बारे में बताने लगा और मेरी पूजा से मुलाकात भी कराया।
जब मैं पूजा से मिला तो पूजा मुझे ठीक ही लगी वह सुन्दर और मासूम लग रही थी। मैंने उस दिन ज्यादा कुछ नहीं सोचा, पूजा से कुछ बातें किया और फिर वह संजय के साथ अपने क्लास को चली गई और मैं भी अपने क्लास को चला गया।
धीरे – धीरे जब मैं संजय और पूजा को साथ देखता था और उन दोनों की बातें सुनता था तो मुझे यह एहसास होने लगा की पूजा में अभी भी बचपना हैं। जबकि दूसरी तरफ संजय कुछ हद तक समझदार और सुलझा हुआ लड़का था। वह जानता था की प्यार क्या है प्यार का महत्त्व क्या हैं और प्यार को निभाना भी संजय जानता था।
संजय ने किया पूजा को प्यार का इज़हार
पुरे 1 साल तक सब कुछ अच्छा चलने के बाद संजय ने यह फैसला लें लिया की वह 14 फरवरी को पूजा को अपने दिल की बात कह देगा। वह बहुत खुश था क्योंकि संजय को जीवन में कई सालो के बाद इतनी ख़ुशी मिल रहीं थी जिसकी वजह पूजा थी।
जैसा की संजय ने सोचा था संजय ने Valentines Day के दिन पूजा को प्रोपोज़ कर दिया। पूजा ने तुरंत तो जवाब नहीं दिया पर एक हफ्ते के बाद उसने हा कह दिया। उस दिन संजय बहुत ज्यादा खुश था उसे खुश देख कर मैं भी बहुत खुश था।
क्योंकि संजय के माता – पिता इस दुनियाँ में नहीं थे उसका सारा जीवन दुःख में और गमो के अँधेरे में बीता था। इसलिए मैं भी उसके खुशी में शामिल हुआ और सब कुछ भूल कर संजय के घर पर हमने एक छोटी से पार्टी एन्जॉय किया।
पर अंदर ही अंदर मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं लग रहा था क्योंकि दोनों की जोड़ी मिसमैच था। दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग थे पर अपने दोस्त की खुशी को मैं बिल्कुल भी कम नहीं करना चाहता तो, मैंने कुछ भी नहीं कहा क्योंकि मुझे पता था की इनका ये प्यार इतना आसान होने वाला नहीं होगा।
पूजा का असली रूप
करीब 1 साल तो सब कुछ ठीक रहा दोनों ही बहुत सही लग रहे थे ऐसे में मुझे भी यह लगने लगा था की शायद मैं ही गलत सोच रहा हूँ पूजा के बारे में। पर 1 साल के बाद वह हुआ जिसका मुझे हमेशा से डर था मैंने देखा की पूजा संजय से जरुरत से ज्यादा फाइनेंसियल हेल्प माँगा करती थी, जो मुझे कुछ ठीक नहीं लगा।
पर संजय चुकी पूजा से बहुत प्यार करता था तो वह किसी भी तरह पूजा की हर ख्वाहिशें को पूरा करता था। मैंने एक बार उसे समझाया भी की यह सब ठीक नहीं क्योंकि जब संजय को पैसे की जरुरत पड़ती थी तो मैं ही उसकी हेल्प किया करता था।
इस पर संजय मुझे अक्सर यही कहता था की गर्लफ्रेंड को ख़ुश रखने के लिए यह सब करना पड़ता हैं। पर उस बेचारे को पता नहीं था आज कल की दुनियाँ कैसी हैं ये दुनियाँ एक मतलबी दुनियाँ हैं। उस दिन मैं फिर से कुछ नहीं बोला और जैसा चल रहा था चलने दिया।
पर कुछ महीनो के बाद तो हद ही हो गया, संजय मेरे पास आता हैं और कहता हैं उसे 50,000 की जरुरत हैं। मैं आश्चर्य हो गया और उस दिन मैंने उससे पूछ ही लिया की तुम्हें इतने पैसे की जरुरत क्यों हैं। संजय ने पहले तो नहीं बताया फिर अंत में बता ही दिया की पूजा ने उससे 50,000 मांगे हैं उसे मेडिकल की पढ़ाई करनी हैं।
यह सुन कर मुझे गुस्सा आया और मैं बोल ही दिया की उसकी पढ़ाई के लिए तुम्हें पैसे देने की क्या जरुरत हैं। ये काम उनके पेरेंट्स का हैं तुम्हारा नहीं और वैसे भी तुम्हारी शादी नहीं हुई जो तुम पूजा पर इतना भरोसा करके उस पर सब कुछ खर्च कर रहे हो।
हमारे बीच थोड़ी बहस हो गई थी क्योंकि उसमें भी थोड़ा बचपना तो था ही पर मैंने पैसे देने से साफ़ माना कर दिया। क्योंकि मैं किसी पराए के लिए इतना मदद नहीं कर सकता था। इसके बाद संजय और मेरी कुछ दिन तक बात ही नहीं हुआ।
संजय हुआ प्यार में पागल
जब मैंने उसे पैसे देने से माना कर दिया और उसे किसी दूसरे तरफ से भी मदद नहीं मिला तो वह कुछ दिन बाद मुझे मैसेज करता हैं। उसकी बात सुन कर मेरा तो सर ही घूम गया की इतना समझदार लड़का ऐसी पागलो और मजनुओं जैसी बात क्यों कर रहा हैं।
वह मुझसे कहता हैं की वह अपना किडनी बेचना चाहता हैं किडनी बेचने के कितने पैसे मिलेंगे और किडनी कहा बेचते हैं। मैं उस पर बहुत चिल्लाया उसे डांटा और कहा की तुम पागल हो गए हो प्यार में इतना अँधा हो गया की क्या बोल रहा हैं सोच भी नहीं पा रहा हैं।
उस दिन मैं हालात की गंभीरता को समझते हुए संजय के घर जाकर उससे बात किया। सोच की शायद वह समझ जाएगा, संजय के साथ ये सब समस्या होने का सबसे बड़ा कारण यह भी था की उसका कोई बड़ा नहीं था जो इन सब बातों को अच्छी तरह समझा सके। मुझसे जितना हो सकता था मैंने उतना समझाने की पूरी कोशिश करता रहा।
संजय ने लिया शादी का फैसला
बात सेकंड ईयर की हैं दिसंबर का महीना था संजय ने मुझसे आकर कहा की वह पूजा से शादी करने वाला हैं। इतने में मैं तो हैरान हो गया की अब इसे क्या हो गया ये लड़का इतना फ़ास्ट क्यों जा रहा रहा हैं। संजय ने बताया पूजा को एक और लड़का भी पसंद करता है जो उसी का गांव का हैं, दूसरा उसके पैरेंट उसकी जल्दी शादी करने वाले हैं।
पहले तो मैं बोला की शादी को टाला भी जा सकता हैं उसके लिए तुम इतना जल्दी शादी क्यों कर रहे हो। वैसे भी तेरी अभी स्टडी पूरी नहीं हुई हैं न ही तेरे पास कोई जॉब या सेटलमेन्ट हैं, शादी करने के बाद कुछ सोचा हैं कैसे जियेगा कैसे रहेगा।
या सब कुछ बस भावनाओं में बह कर फैसला लें रहा हैं, तू ऐसा तो नहीं था भाई। पर वह नहीं माना और कुछ दिन बाद मेरे बाइक में बैठ कर हम दोनों कोर्ट के चक्कर लगाने लगे, कुछ वकीलों से बात भी किया सब ठीक ही था।
पर जब बात कोर्ट मैरिज की आयी तो पूजा ने मना कर दिया जिस पर संजय बहुत हैरान हुआ और उसे बहुत दुःख हुआ। क्योंकि संजय अपना सब कुछ पढ़ाई लिखाई छोड़ कर दोनों के भविष्य के लिए ही सोच रहा था। पर संजय के लिए यह दुःख कुछ भी नहीं था क्योंकि आगे जो होने वाला था संजय इस बात से अंजान था।
संजय ने किया आत्महत्या करने के कोशिश
धीरे – धीरे पूजा का असली रूप सामने आने लगा पूजा संजय से कम बात करने लगी और पहले ही तरह संजय से मिलने भी नहीं आती थी। इससे संजय परेशान रहने लगा वह बहुत दुःखी रहता था और मुझसे भी ठीक से बात नहीं करता था।
फिर एक दिन वह आ ही गया जो कोई भी लड़का नहीं चाहता हैं। अंततः पूजा ने कई दिनों बाद संजय को कॉल किया और संजय को कह दिया की आज से हमारा रिश्ता खतम जो भी कुछ हुआ था सब भूल जाओ। पूजा के लिए यह सब कहना तो आसान होगा शायद, पर बेचारा संजय यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाया।
उसकी हालत बहुत ही खराब होने लगी क्योंकि उसने कभी सोचा नहीं था की पूजा उसके साथ ऐसा कुछ करेगी। संजय खाना पीना सब कुछ छोड़ कर खुद को घर में बंद कर लिया था वह कुछ दिन से कॉलेज भी नहीं आ रहा था।
मैं उसे कॉल भी किया पर वह नहीं उठाया फिर एक दिन उसके भाई का कॉल आता हैं की संजय अजीब – अजीब हरकतें कर रहा हैं। फिर मै उसके घर गया उसे अच्छे से समझाया पर शायद मेरी बाते उसे समझ नहीं आया।
अगले दिन पूजा का कॉल आता हैं और उसने बताया की संजय ने उसे कॉल करके बताया की वह सुसाइड करने के लिए रेल्वे स्टेशन जा रहा हैं। उसे समझाओ उसे देखो पहले तो मुझे पूजा पर बहुत गुस्सा आया उसे दो बातें भी सुनाया, फिर देर न करते हुए तुरंत शाम को संजय को ढूंढने रेल्वे स्टेशन निकल गया।
कुछ देर ढूंढने के बाद मैंने देखा संजय प्लेटफार्म नंबर 6 पर एकांत बैठा हुआ था। मैंने उससे फिर से समझाया और फिर घर लेकर आया वह उस दिन बहुत रो रहा था मैंने पहली बार उसे इतना रोते हुए और दर्द में देख रहा था। मैं मन ही मन सोचने लगा की अगर प्यार में ऐसे दिन भी देखने पड़ते हैं तो अच्छा हुआ मैंने प्यार नहीं किया।
तीन दिन तक संजय के घर रहा
जैसा की मैंने आपको बताया था की संजय के माता – पिता इस दुनियाँ में नहीं थे और संजय भी अपने चाचा के घर में रहता था। उसमे भी संजय के चाचा चाची और उसके बाकि परिवार गांव में रहते थे संजय के साथ सिर्फ उसका एक भाई रहता था जो चाचा का लड़का था।
संजय की यह सब अजीब हरकतें करना जैसे उसके पॉकेट में सुसाइड नोट का मिलना, उसके वॉलेट में पॉइज़न मिलना यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। क्योंकि उसका इस दुनियाँ में कोई अपना सगा नहीं था तो उसके सुसाइड करने का कई वजह था।
इसलिए मैं तीन दिन उसके घर में रह कर उसे देखता रहा वह बाहर जाने की ज़िद करता बहुत रोता मैं और पड़ोसी मिल कर उसे कैसे सम्हाले हैं यह हम ही जानते हैं।
वक़्त के साथ सब ठीक होने लगा
ये तीन दिन बहुत बुरे थे पर धीरे – धीरे सब ठीक होने लगा, संजय भी अब सच को स्वीकार्य करने लगा था उसमें फिर से पुरानी वाली समझदारी आने लगा। अब वह पढ़ाई पर ध्यान देने लगा क्योंकि एग्जाम होने वाले थे। कॉलेज में भी संजय पूजा से ज्यादा बात नहीं करता था, फाइनल एग्जाम भी ख़तम हो गए थे अब संजय का पूजा से मिलना करीब – करीब खतम ही हो गया।
1 साल बाद
अगले साल संजय का मेडिकल में सेलेक्शन हो गया जिसकी तैयारी वह पिछले 3 साल से कर रहा था और वह हमारे इस कॉलेज के छोड़ कर दूसरे शहर पढ़ने के लिए चला गया। साथ ही पूजा और संजय का मैटर ख़तम हो गया, संजय जहां तेज़ी से अपने करियर में आगे बढ़ रहा था वहीं पायल सेकंड ईयर में फेल हो गई थी।
पर बाद यही नहीं रुका संजय जहां हर वर्ष अच्छा करता गया वहीं पर पूजा 2 सालो में सेकंड ईयर भी पास नहीं कर पायी। पूजा ने 1st ईयर किसी तरह पास कर लिया था इसकी सबसे बड़ी वजह थी की संजय पढ़ाई में बहुत हेल्प करता था।
पर संजय के जाने के बाद कुछ न कर सकी क्योंकि वह पढ़ाई में कमजोर थी। अच्छा हुआ था जो संजय ने 50,000 रूपए नहीं दिये वरना उसके सारे पैसे बर्बाद हो जाते। इन सबको देखते हुए पूजा के पेरेंट्स ने भी पूजा की शादी कर दी।
6 साल बाद
आज 6 वर्षो के बाद संजय एक पेशेवर डॉक्टर हैं उसकी शादी हो चुकीं हैं और उसका एक प्यारा सा बेटा भी हैं। वही दूसरी तरफ पूजा ने अपना ग्रेजुएशन किसी तरह तीन साल में पूरा किया वो भी शादी के बाद और उसकी 2 बेटी हैं।
संजय और पूजा अब पूरी तरह से अलग हो चुके हैं, संजय को बहुत अच्छी पत्नी मिली हैं जो उससे बहुत प्यार करती हैं। संजय आज बहुत खुश हैं और एक खुशहाल जीवन जी रहा हैं।
इस कहानी से क्या सीख मिली
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती हैं की आज के दौर में किसी के भी प्यार में पूरी तरह से भरोसा करके पागल नहीं बनना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर मामलो में चाहें वह लड़का हो या लड़की सिर्फ आकर्षण में आकर एक दूसरे के करीब आते हैं।
जिनमें से कुछ टाइम पास के लिए प्यार में पड़ जाते हैं तो कुछ अपने मतलब अपने फायदे अपनी जरुरत के लिए प्यार करते हैं तो कोई बस ऐसे ही बेवजह प्यार में पड़ जाते हैं। जिसमें कभी लड़का नासमझ होता हैं तो कभी लड़की।
ज्यादातर मामलो में प्यार करने वाले कम उम्र के होते हैं और दोनों ही नासमझ एवं अपरिपक़्व होते हैं। उनके अंदर बचपना होता हैं और वह उन बचपने में ही प्यार के कई वादे कर लेते हैं।
यही वजह हैं इस प्रकार का प्यार ज्यादा दिन तक नहीं चलता और टूट जाता हैं। पूजा में भी बचपना और नासमझी थी और कुछ हद तक संजय में भी था की वह पूजा को बहुत गंभीरता से लिया इसलिए रिश्ता टूट गया।
अगर आप भी कम उम्र में प्यार में पढ़ते हो तो यह आपके साथ भी हो सकता हैं। इसलिए कभी भी किसी लड़की या लड़के के प्यार के लिए अपनी ज़िन्दगी बर्बाद मत करना गलत फैसला मत लेना ज़िन्दगी बहुत कीमती हैं इसे अच्छे कामो में लगाए।
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